भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की बदलती तस्वीर

NewsBharati    28-Dec-2020 13:27:11 PM
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देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति दृढ़ एवं मजबूत इच्छाशक्तिऔर स्वाभिमान का अंदाजा 2001 में अमेरिका के विश्व व्यापार केंद्र तथा 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों के बाद तत्कालीन संबंधित देशों की सरकारों द्वारा इन हमलों के विरुद्ध उठाए गए कदमों से लगाया जा सकता है ! अमेरिकी हमले में अल कायदा तथा इसकी सहायक अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार का हाथ सिद्ध होने पर अमेरिका ने अक्टूबर 2001 में ही अफगानिस्तान पर अपने नाटो सहयोगी देशों के साथ हमला कर दिया और अफगानिस्तान से तालिबान सरकार को उखाड़ फेंका !इसके बाद अपने देश के विरुद्ध वहां पर पल रहे अलकायदा के नेटवर्क को भी तबाह कर दिया ! जिसके बाद अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में छिपना पड़ा ! इसके साथ साथ इराक के शासक सद्दाम हुसैन पर भी शक होने पर अमेरिका ने उसे भी बर्बाद कर दिया ! इस प्रकार अमेरिका ने पूरे विश्व को दिखा दिया कि जो भी उसकी तरफ आंख उठाकर देखेगा उसको उसका सबक सिखाया जाएगा ! इसके अलावा अमेरिका ने अपने देश की संसद में देशभक्ति नाम से एक कानून पास किया ! जिसके अनुसार वहां की गुप्तचर संस्था एफबीआई आतंकवाद का सफाया करने के लिए संदेह होने पर बिना किसी अदालती वारंट के किसी भी स्थान की तलाशी ले सकते हैं तथा इसी के अंतर्गत बिना समय गवाएं आतंकी गतिविधियों में सीधे या परोक्ष रूप से लिप्त अपराधियों के विरुद्ध शीघ्र अति शीघ्र कार्रवाई का प्रावधान है ! और इससे संबंधित मुकदमों का निपटारा एक समय सीमा में होना भी निश्चित किया है ! उधर 2008 में मुंबई पर अमेरिका से बड़ा आतंकी हमला हुआ आतंकी समुद्री रास्ते से मुंबई पहुंचे तथा उन्होंने पूरे 3 दिन यानी 26 नवंबर से 29 नवंबर तक दक्षिण मुंबई के आठ प्रमुख स्थानों जिनके नाम हैं छाबड़ा हाउस ओबेरॉय ट्रिडेंट ताज पैलेस होटल शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन कामा अस्पताल इत्यादि पर हमला किया एक प्रकार से पूरे दक्षिणी मुंबई पर आतंकियों ने पूरी योजना के साथ आघात किया था ! इस हमले के फौरन बाद भारतीय जांच एजेंसियों को पता लग गया था कि यह हमला पाकिस्तान की कुख्यात आईएसआई के इशारे पर हुआ है ! जिसका खुलासा इस हमले में पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब ने किया था !
  
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इस हमले के नियंत्रण और इसकी योजना बनाने वाले जकी उर रहमान लखवी और सैयद शहाबुद्दीन के बारे में भी कसाब ने पूरा ब्यौरा दे दिया था !परंतु फौरन कोई कड़ी जवाबी कार्रवाई अमेरिका की तरह करने के स्थान पर इस हमले के बाद तत्कालीन केंद्र सरकार तथा महाराष्ट्र सरकार ने कुछ दिखावा जरूर किया था जैसे पाकिस्तान की कटु आलोचना, मुंबई में कुछ दिन के लिए वहां का स्टॉक एक्सचेंज बंद रखना तथा फिल्मों की शूटिंग को भी रुकवा ना इत्यादि ! विश्व व्यापार केंद्र पर हमले के फौरन बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में बैठी तालिबानी सरकार को उसका करारा जवाब दे दिया था इसके स्थान पर भारतीय सरकार ने एक कमजोर और गरीब देश की तरह पाकिस्तानी सरकार से यह निवेदन किया कि वह इस आतंकी हमले में शामिल लखवी और शहाबुद्दीन को भारत को सौंप दें ! जिससे उन पर मुकदमा चलाया जा सके ! जबकि होना यह चाहिए था कि जिस पाकिस्तानी सरकार ने अपनी गुप्तचर संस्था आई एस आई के द्वारा पूरे प्रबंधन के साथ मुंबई तक अपने आतंकियों को भेजा और हमला करवाया उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक या बालाकोट की एयर स्ट्राइक की तरह होनी चाहिए थी ! परंतु बार-बार भारत की सरकार केवल अंतरराष्ट्रीय मंचों और प्रेस के द्वारा पाकिस्तान सरकार से केवल प्रार्थना ही करती रही कि यदि आप इन आतंकी सरगना ओं को हमें नहीं दे सकते हैं तो इनके विरुद्ध उचित अदालती कार्रवाई करें ! तो क्या जिस पाकिस्तान सरकार ने स्वयं इस हमले की अनुमति अपनी आईएसआई को दी थी उससे यह कल्पना की जा सकती थी कि वह इनके विरुद्ध कोई कदम उठाए !इस प्रकार भारत सरकार क! अपने देश पर हुए हमले के विरुद्ध प्रतिक्रिया को देखकर पूरे विश्व में उसका अपनी सुरक्षा के प्रति दृष्टिकोण का खुलासा हो गया था ! और खासकर हमारे दुश्मन देश पाकिस्तान को जिसके कारण इतने बड़े मुंबई हमले के बाद उसने भारत में बम विस्फोटों की झड़ी लगा दी !
  
विश्व व्यापार केंद्र और मुंबई हमले के बाद भारतीय तथा अमेरिकन सरकारों द्वारा उठाए कदमों ने दोनों देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा की सूरत तथा इसके प्रति गंभीरता पूरे विश्व को दिखा दी ! इसका प्रमाण है की 2001 के हमले के बाद अभी तक अमेरिका में ना कोई बम ब्लास्ट हुआ है और ना ही आतंकी हमला नजर आया है ! वहीं पर भारत में 2008 के हमले के बाद आतंकी हमलों की झड़ी लग गई ! इनमें प्रमुख हैं 1 जनवरी 2009 गुवाहाटी 15 फरवरी 2010 पुणे 7 दिसंबर 2010 बनारस 13 जुलाई 2011 मुंबई 1 अगस्त 2012 पुणे 21 फरवरी 2013 हैदराबाद तथा 20 मार्च 2015 जम्मू में हुए बम ब्लास्ट है ! इनके अलावा देश के आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों जैसे छत्तीसगढ़,झारखंड उससे लगते आंध्र प्रदेश तथा उत्तर-पूर्व के राज्यों में छुटपुट आतंकी घटनाएं होती रही ! देश के शहरों में 2008 से 2015 के बीच में हुए बम ब्लास्ट ज्यादातर आई एस आई के स्लीपर सैलो या सीधे-सीधे उसके आतंकियों ने किए थे ! परंतु अमेरिका की तरह ने तो हमारी कानून व्यवस्था के ही हाथ उन तक पहुंच सके और नहीं भारत सरकार ने पाकिस्तान को उसकी हरकतों के लिए उसे उचित सबक सिखाया !इसके साथ साथ बार-बार पाकिस्तान से मुंबई हमलों में शामिल आतंकियों के विरुद्ध कार्यवाही की प्रार्थना करते रहने से उसने अपनी असहाय स्थिति का प्रदर्शन विश्व के लिए किया ! जिसको देखकर पाकिस्तानी सरकार और वहां पर बैठे आतंकियों के सर गने खुशी से झूमते रहे और इसका परिणाम हमारे देश वासी आतंकी हमलों के रूप में झेलते रहे ! यह सब केवल इसलिए हो सका क्योंकि उस तत्कालीन सरकार के पास इच्छाशक्ति की कमी थी या हो सकता है वोट बैंक की राजनीति के कारण सरकार ने उचित कदम पाकिस्तान के विरुद्ध नहीं उठाए !
 
पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियां देश में खुले रूप से 2014 तक चलती रही ! परंतु जैसे ही भारत में सरकार बदली उसके फौरन बाद भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए तथा पाक को चेतावनी दी की यदि भविष्य में उसने कोई आतंकी गतिविधि हमारे देश में की तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा ! परंतु पाकिस्तानी सेना तथा उसकी आईएसआई ने सोचा कि भारत पहले की तरह ही कुछ नहीं कर पाएगा और केवल पहले की तरह शोर मचा कर चुप हो जाएगा ! इसलिए उसने 2016 में 28 अक्टूबर की रात में जम्मू के उरी क्षेत्र में स्थित 12 माउंटेन ब्रिगेड के हेड क्वार्टर कैंप पर एक बड़ा आतंकी हमला कर दिया जिसमें भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए ! इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को जवाब देने का निर्णय लिया ! इसके लिए भारत सरकार ने सेना को उचित कार्यवाही तथा इसकी विधि निर्धारित करने की पूरी छूट दे दी ! भारतीय सेना ने अपने स्पेशल ग्रुप जिसमें विशेष श्रेणी के कमांडोज होते हैं उनको पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक के लिए नियुक्त किया तथा उन्हें केवल 10 दिन में पूरा प्रशिक्षण तथा हमले करने वाली जगहों के बारे में पूरी जानकारी देकर तैयार किया ! हमले को अंजाम देने के लिए इन कमांडोज को हेलीकॉप्टरों के द्वारा उड़ी से लगती पाकिस्तानी क्षेत्र में उतारा गया ~! इस हमले का विस्तार 120 किलोमीटर चौड़ा था जिससे सीमावर्ती पाकिस्तानी क्षेत्र में सारे आतंकवादी कैंप बर्बाद किए जा सके ! इन कमांडोज ने अपनी वीरता और साहस से इस पूरे क्षेत्र में आतंकी लॉन्च पैड तथा कैंपो को बर्बाद और उन में पल रहे आतंकियों को खत्म किया ! भारत के इस कदम से पूरा विश्व हक्का बक्का रह गया क्योंकि ऐसे साहस पूर्ण कदम का भारत से कोई कल्पना भी नहीं कर रहा था ! और वह भी इतने बड़े लेवल पर ! इसके बाद अगले 3 साल तक सब शांत रहा ! परंतु फिर दोबारा पाकिस्तानी आईएसआई ने अपनी हरकतों को दोहराते हुए कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की गाड़ियों पर आतंकी हमला करवाया ! भारतीय सरकार ने इस बार 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक से भी बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में चल रहे आतंकी कैंपों को एयर स्ट्राइक के द्वारा सीधा-सीधा तबाह किया ! इस एयर स्ट्राइक में 170 पाकिस्तानी आतंकी मारे गए थे तथा इनके चल रहे कैंप बर्बाद हुए थे ! इसकी पुष्टि अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने की है !इस एयर स्ट्राइक के बाद कश्मीर और पूरे देश में पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों पर लगाम लग गई है !
 
दूसरी तरफ पाकिस्तान के सबसे बड़े मददगार चीन को भी भारत ने जवाब देना शुरू कर दिया है ! चीन ने मई 2019 में सिक्किम के नाथूला के पास भूटान की सीमा पर स्थित डोकलाम क्षेत्र में भूटान सरकार की इच्छा के विरुद्ध अपनी सड़क बनाने की कार्यवाही शुरू कर दी थी ! इस सड़क के द्वारा वह भारत के बंगाल में सिलिगुड़ी कॉरिडोर कहे जाने वाले क्षेत्र पर प्रभुत्व स्थापित करना चाह रहा था ! क्योंकि डोकलाम से सिलीगुड़ी को उत्तर पूर्वी राज्यों से जोड़ने वाली सड़क की हवाई दूरी केवल 30 किलोमीटर है !और इतनी दूरी पर वह आराम से अपनी तोपों के द्वारा इस सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर सकता था ! इस प्रकार चीन यहां से भारत को ब्लैकमेल करने के लिए इस पर कब्जा करके पाकिस्तान को यह दिखाना चाह रहा था कि मैंने तुम्हारा बदला भारत से ले लिया है ! परंतु इस बार भी भारतीय सरकार ने सेना को पूरा जवाब देने की छूट दे दी ! और भारतीय सेना ने चीनी सेना को वहां से वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया ~! अन्यथा समय-समय पर चीन भारत को आंखें दिखाता रहता और भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों को भारत के मुख्य भाग से काटता रहता ! एक प्रकार से वह इन राज्यों को भारत से अलग करने की सोच रहा था ! परंतु उसकी चाल भारत की सेना ने सफल नहीं होने दी ! इसके बाद जून 2020 में चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में दोबारा वही हरकत दोहराने की कोशिश की तथा पैंगोंग झील के आसपास के क्षेत्र पर कब्जा करना चाहा ! जिसके विरुद्ध चीन की सेना के साथ भारतीय सैनिकों ने निहत्थे ही लोहा लिया और उसके 50 से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया ! उसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच में इस क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया जिसके चलते भारतीय सेना ने उस क्षेत्र की प्रमुख पहाड़ियों पर कब्जा करके चीनी सेना को अपने क्षेत्र में ही सीमित रहने के लिए मजबूर कर दिया ! इस क्षेत्र में भारत ने 20 साल लंबे समय में ले ह से दौलत बेग ओल्डी तक एक सड़क का निर्माण 16000 फुट की ऊंचाई पर करके उस क्षेत्र में आवागमन को आसान करके उस क्षेत्र की रक्षा को और भी मजबूत बना दिया है !यह सड़क चीनी सीमा तक जाती है ! यह कदम चीन को पसंद नहीं आ रहा था जिसके कारण ही उसने यह विवाद उत्पन्न किया था ! इस विवाद के बाद भारत की सेना के तीनों अंगों को भारत की सरकार ने पूरी तरह आधुनिक हथियारों से सुसज्जित कर दिया है तथा अग्रिम क्षेत्रों में गोला बारूद और अन्य खाने-पीने की सामग्रियों का भंडारण कर दिया है ! इस प्रकार चीन को एक सख्त संदेश दे दिया गया है कि भविष्य में वह भारत को 1962 का भारत न समझे ! अब भारत विश्व की एक मानी हुई शक्ति है और वह उसे हर प्रकार का जवाब देने में सक्षम है ! इसके अतिरिक्त जिस प्रकार अमेरिका ने नाटो देशों के साथ अफगानिस्तान में हमला किया था ! उसी प्रकार भारत ने दक्षिणी चीन महासागर में ऑस्ट्रेलिया जापान और अमेरिका के साथ मिलकर एक नौसैनिक गठबंधन तैयार किया जिसके द्वारा चीन को करारा संदेश दिया गया कि यदि वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो उसका पूरा तेल की सप्लाई और उसका आयात निर्यात जो इस रास्ते से गुजरता है उसे रोक दिया जाएगा ! इसके बाद चीन के तेवर नरम हुए हैं और उसने भारत की शक्ति को पहचान लिया है !भारत में समग्र विकास की नीति अपनाने के कारण सैन्य शक्ति के साथ साथ भारत आज एक आर्थिक शक्ति भी बन चुका है ! जिसको विश्व के विकसित देशों ने पहचान लिया है इसलिए अमेरिका रूस फ्रांस जर्मनी जैसे देश भारत को एक विशिष्ट स्थान दे रहे हैं ! जिसका प्रमाण है कि दक्षिणी चीन सागर में उन्होंने भारत का साथ देने के लिए चीन के विरुद्ध सैनिक गठबंधन किया है !
 
अभी कुछ दिन पहले पूरे विश्व मीडिया में एक खबर बहुत प्रमुखता से छाई हुई थी कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा भारत की सर्जिकल स्ट्राइक से डरे हुए हैं ! उन्हें डर सता रहा है कि किसी भी क्षण भारत पाकिस्तान में सर्जिकल या एयर स्ट्राइक कर सकता है ! इसका मुख्य कारण है कि जब भी पिछले कुछ समय से पाकिस्तान की तरफ से आतंकी गतिविधि भारत में हुई है तब तब उसे करारा जवाब सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक के रूप में दिया गया है ! इसी के साथ साथ पाकिस्तान ने देखा है कि किस प्रकार भारत ने चीन को डोकलाम और बलवान घाटी और आर्थिक मोर्चों पर जवाब दिया है ! इस सब के कारण पाकिस्तानी सेना के प्रमुख का भारत की सैन्य कार्रवाई के बारे में चिंतित होना स्वाभाविक है ! क्योंकि वह सोच रहे हैं कि भारत के अंदर चल रहे किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में कहीं उसके स्लीपर सेल कोई आतंकी घटना ना कर दे जिसके जवाब में भारत पाकिस्तान के विरुद्ध कोई सख्त कदम न उठा ले ! इससे सिद्ध होता है कि भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि अब पहले जैसी नहीं है जिसमें वह चुपचाप हर प्रकार की गतिविधियों को सहता रहता था अब उसने अपने देश की तरफ उठने वाली हर आवाज को दबाने का निश्चय कर लिया है ! इस कारण भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा बढ़ गई है और यह उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करता है ! इस प्रकार भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की छवि ठीक अमेरिका की छवि की तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन गई है ! जिस प्रकार अमेरिका ने विश्व व्यापार केंद्र पर आतंकी हमले का जवाब दिया था आज भारत में उसी प्रकार उसी भाषा में जवाब दे रहा है इस सब के कारण भारत की छवि पूरी तरह बदल चुकी है पूरा विश्व अब भारत का लोहा मान रहा है !