दुनिया को आकर्षित करता हिंदुत्व

हिन्दुओं की दशा अब साठ सत्तर के दशक वाली नहीं है। अब हिन्दू ग्लोबल पॉवर के रूप में उभर रहे हैं। अब हिन्दू भारत में ही नहीं हैं, न सिर्फ भारतीय मूल के !

NewsBharati    01-Nov-2021   
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समय और परिस्थितियां बदल रहीं हैं। आज हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों को अपनी वाणी और कर्म से हिंदू बनने की आवश्यकता है। वरिष्ठ सामाजिक चिंतक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक राम माधव द्वारा हालही में लिखित पुस्तक हिंदुत्व पैरडायम ने देश- विदेश के लाेगाें का ध्यान हिंदुत्व की ओर खींचा है। किसी दूसरे धर्म की निंदा करने की जगह हिंदू धर्म की मान्यताओं को जगजाहिर करने की आवश्यकता है। हिंदू विरोधी ताकतें साम, दाम, दंड, भेद सब तरह से हिंदुओं के विरुद्ध कार्य कर रही हैं। इस के बावजूद भी देश-विदेश में करोड़ों लोग हिंदू धर्म को अपना कर अपनी सनातन संस्कृति को संभाले हुए हैं उन्हीं के कारण आज एक बार फिर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदू धर्म व उसकी मान्यताओं को विश्व स्तर पर सराहा भी जा रहा है और अपनाया भी जा रहा है।

हिन्दुओं की दशा अब साठ सत्तर के दशक वाली नहीं है। अब हिन्दू ग्लोबल पॉवर के रूप में उभर रहे हैं। अब हिन्दू भारत में ही नहीं हैं, न सिर्फ भारतीय मूल के ! अब अफ्रीकी मूल के लोग भी हिन्दू हैं और यूरोप मूल के लोग भी। अब चीनी मूल के लोग भी हिन्दू हैं और रसियन हिन्दू भी हैं।

भारत के बाहर हिंदुओं की सबसे ताकतवर लॉबी अमेरिका में है। अमेरिका में यहूदियों के बाद हिन्दू दूसरी सबसे ताकतवर लॉबी के रूप में उभरे हैं। वो अपने धर्म और समाज के प्रति सचेत हैं। वो आने वाले खतरों को समझते हैं और इससे निपटने की तैयारी कर रहे हैं। हिंदू समुदाय के लोगों ने अमेरिका में पहली बार सनातन धर्म के कार्यक्रमों को इतने व्यापक स्तर पर मनाने के लिए अक्टूबर माह को हिंदू विरासत माह के रूप में हमेशा मनाने की घोषणा की है। अक्तूबर के महीने और इसके आसपास के दिनों में विश्व भर में हिंदू नवरात्र, दशहरा, दुर्गा पूजा और दीपावली मनाते हैं।
 

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इसलिए इस महीने को अमेरिका में बसे कुछ हिंदू संगठनों ने हिंदू विरासत माह के रूप में मनाने का फैसला लिया है। योग से लेकर भोजन, त्योहारों के लिए दान, नृत्य-संगीत और हिंदू धर्म की मान्यताओं पर विमर्श जैसे कार्यक्रमों का आयोजन पूरे महीने भर चल रहा है। हिंदू समुदाय की पहचान माने जाने वाले सभी रीति-रिवाजों का पूरे मन से लोग पालन कर रहे हैं। देश में हिंदू समुदायों की ऐसी पहल का निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने भी खुले दिल से स्वागत किया है। अमेरिका में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के योगदान को हिंदू उत्सव के रूप में देखा जा रहा है।

इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो की छोटी बेटी सुकमावती ने देश के हिंदू प्रांत बाली, में एक समारोह में इस्लाम धर्म त्याग हिंदू धर्म को अपना लिया। मुस्लिम बहुल देश में सुकर्णो की तीसरी बेटी दीया मुटियारा सुकमावती का यह आधिकारिक धर्मांतरण 26 अक्टूबर को बुलेलेंग जिले के सोइकरनो केन्द्र में सुधी वदानी समारोह के दौरान हुआ। सीएनएन इंडोनेशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सुकमावती की दादी इदा अयू नयोमान राई श्रीमबेन उनके हिंदू धर्म से सबसे ज्यादा प्रभावित रहीं और यही असर सुकमावती में आया।

समय और परिस्थितियां बदल रहीं हैं। आज हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों को अपनी वाणी और कर्म से हिंदू बनने की आवश्यकता है। वरिष्ठ सामाजिक चिंतक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक राम माधव द्वारा हालही में लिखित पुस्तक हिंदुत्व पैरडायम ने देश- विदेश के लाेगाें का ध्यान हिंदुत्व की ओर खींचा है। किसी दूसरे धर्म की निंदा करने की जगह हिंदू धर्म की मान्यताओं को जगजाहिर करने की आवश्यकता है। हिंदू विरोधी ताकतें साम, दाम, दंड, भेद सब तरह से हिंदुओं के विरुद्ध कार्य कर रही हैं। इस के बावजूद भी देश-विदेश में करोड़ों लोग हिंदू धर्म को अपना कर अपनी सनातन संस्कृति को संभाले हुए हैं उन्हीं के कारण आज एक बार फिर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदू धर्म व उसकी मान्यताओं को विश्व स्तर पर सराहा भी जा रहा है और अपनाया भी जा रहा है।

लेकिन भारत के लोग इस उभार के प्रति ज्यादा जागरूक नही हैं। लगभग 135 करोड़ की जनसंख्या होने के बाद भी उनको भारत में ही भ्रमित किया जाता है ताकि हिन्दू समाज अपने आप को एक उभरती वैश्विक ताकत के रूप में देख ही न सके। लेकिन आज नहीं तो कल ये दिखाई देना शुरू हो जाएगा। संसार में समझदार लोगों के बीच हिन्दू धर्म सबसे ज्यादा तेजी से फैलने वाला धर्म बन गया है जो इसकी अच्छाइयों, को देखकर सहज ही इसके प्रति आकर्षित हो रहे हैं। योग ध्यान और भजन कीर्तन जैसे आध्यात्मिक उपायों ने संसार भर में हिन्दू धर्म को एक वैज्ञानिक और तार्किक धर्म के रूप में स्थापित करना शुरू कर दिया है।