जम्मू में ड्रोन की हरकतों के पीछे पाकिस्तान के इरादे

NewsBharati    07-Jul-2021   
Total Views |
6 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35A की आड़ में चल रहे परिवारवाद और सामंत शाही को को समाप्त करने के लिए वहां पर लागू इन धाराओं को हटाने के प्रस्ताव को लोकसभा के द्वारा पारित होने के बाद इन्हें समाप्त कर दिया है ! इसके बाद 2 साल तक इस राज्य में स्थिति शांत रही परंतु अभी इस बदलाव के क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक की ! जिसमें इस राज्य के राजनैतिक और भौगोलिक स्वरूप को नया रूप देने के लिए मंत्रणा की गई ! यह बैठक शांतिपूर्ण माहौल में हुई और सभी राजनीतिक दलों ने बदलाव के लिए अपनी सहमति प्रकट की! कश्मीर का यह बदलता हुआ स्वरूप पाकिस्तान को पसंद नहीं आ रहा है क्योंकि वह जम्मू कश्मीर के पुराने स्वरूप में आसानी से कश्मीर पर कब्जा करने के लिए अपनी गतिविधियों को चला रहा था ! अब बदलते स्वरूप में भारत के सारे कानून कश्मीर में लागू होंगे और वहां पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए उसी प्रकार कानून सख्त कार्रवाई होगी जिस प्रकार देश के अन्य हिस्सों में होती है ! इसलिए पाकिस्तान ने अपने एजेंटों और राष्ट्र विरोधी तत्वों को भरोसा दिलानेऔर उनका मनोबल ऊंचा करने के लिए उसने नए पैंतरे के रूप में ड्रोन द्वारा जम्मू हवाई अड्डे पर विस्फोटक गिराने की कोशिश की और उसके बाद भारत की सेना को सीधी चुनौती देने के लिए जम्मू के पास रत्नूचक और कालूचक सैनिक छावनी पर भी बार-बार ड्रोन भेजें ! पाकिस्तान की यह हरकतें दिखाती है कि पाकिस्तान भारत को उरी हमले के बाद की सर्जिकल स्ट्राइक तथा पुलवामा के बाद बालाकोट जैसी जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर करना चाहता है ! जिससे वह जम्मू कश्मीर के बदलते स्वरूप को अंतरराष्ट्रीय जगत में गलत ढंग से पेश कर सके और विश्व को दिखा सके की जम्मू कश्मीर की जनता 6 अगस्त 2019 को भारत की लोकसभा द्वारा पारित धारा 370 और 35a को हटाने के प्रस्ताव को पसंद नहीं कर रही है !
 
Article 370_1  
 
ड्रोन की उड़ानों के साथ-साथ पाकिस्तान की आईएसआई ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद की हरकतें भी बढ़ा दी हैं ! जिसके कारण हर रोज सुरक्षाबलों कि आतंकियों के साथ मुठभेड़ हो रही हैं ! यहां पर यह विचारणीय है की भारत ने आजादी के बाद से हमेशा पाकिस्तान के लिए सद्भावना और भलाई के बारे में ही सोचा है ! इसलिए भारत मैं हर पार्टी की सरकार पाकिस्तान के साथ भाईचारा स्थापित करना चाहती थी ! इसके उदाहरण हैं 1999 में अटल बिहारी वाजपेई जी जो सबका साथ सबका विकास में विश्वास रखते थे और स्वयं सकारात्मक भावनाओं से ओतप्रोत थे उन्होंने 1999 में भारत के बुद्धिजीवियों, कलाकारों, खिलाड़ियों और साहित्यकारों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों को साथ लेकर लाहौर के लिए बस यात्रा की ! इसके द्वारा वह पाकिस्तान की जनता से सीधा संबंध स्थापित करना चाहते थे ! अपनी सद्भावना प्रकट करने के लिए वह पाकिस्तान के कायदे आजम जिन्ना की मजार मीनारें पाकिस्तान पर भी गए और वहां पर रखी पुस्तक में उन्होंने भावना पूर्ण श्रद्धांजलिजिन्ना जी को दी ! परंतु यह सब पाकिस्तान में सत्ता पर कब्जा रखने वाली सेना को पसंद नहीं आया और सेना ने अक्टूबर 1947 की तरह कश्मीरी मुजाहिदिनों के भेष में अपने सैनिकों को कारगिल की चोटियों पर घुसपैठ के द्वारा भेज दिया !
 
जिसका परिणाम कारगिल युद्ध हुआ ! इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में अनौपचारिक रूप में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मित्रता स्थापित करने के लिए, अचानक वे लाहौर में उनके आवास पर पहुंच गए और वहां पहुंच कर उनकी पुत्री की शादी में अपना आशीर्वाद दिया जैसा कि भारतीय संस्कृति में सदियों से चला आ रहा है ! इसका परिणाम 2015 मैं वायु सेना के पठानकोट हवाई अड्डे और जम्मू के पास सैनिक छावनी पर आतंकी हमले के रूप में पाकिस्तान की आईएसआई ने दिया ! जिसके द्वारा वह भारतीय प्रधानमंत्री की भावनाओं को दोबारा तनाव में बदलना चाह रही थी ! इसी कड़ी में जब भारत सरकार ने कश्मीर घाटी में विकास और शांति स्थापित करने के लिए 2017-18 में आतंकियों का जोर शोर से सफाया करना शुरू किया तो उसका परिणाम पुलवामा के आतंकी हमले के रूप में जिसमें सीआरपीएफ के 40 सैनिकों को वीरगति प्राप्त हुई के रूप में आया इन दोनों हमलों से बाद होकर भारत सरकार ने उरी हमले का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में दिया और पुलवामा का जवाब बालाकोट पर हवाई हमले के द्वारा दिया ! इसी प्रकार अब पाकिस्तान ड्रोन की हरकतों से दोबारा भारत को मजबूर करना चाहता है ! जिससे वह सर्जिकल स्ट्राइक औरबालाकोट हवाई हमले की तरह फिर कोई इस प्रकार की कार्यवाही पाकिस्तान के विरुद्ध करें जिससे वे जोर शोर से अपने सहयोगी चीन के साथ विश्व बिरादरी को यह दिखा सके की कश्मीर की जनता भारत सरकार के 6 अगस्त के कदम से सहमत नहीं है !
 
पाकिस्तान की कश्मीर जैसी हरकतों की तरह ही इजराइल को जेरूसलम और गाजा पट्टी से हमास आतंकी तंग कर रहे थे और बार-बार इजराइल के ठिकानों को निशाना बनाकर ड्रोन और रॉकेट से हमला करके इजराइल को आतंकित करना चाह रहे थे ! इसके अतिरिक्त जैसा की सर्वविदित है यरूशलम के दो हिस्से हैं जिनमें से एक पर इजराइल का कब्जा है ! इजराइल के कब्जे वाले क्षेत्र में भी हमास आतंकी बार-बार इजरायली नागरिकों को अपना निशाना बनाते थे ! इस सब से निपटने के लिए इजराइल ने भी ड्रोन और मिसाइलों से चुन-चुन कर हमास के आतंकियों को निशाना बनाकर समाप्त किया है ! हमास के एंटी ड्रोन उपकरण और रडार से बचने के लिए इजराइल ने ड्रोन की नई तकनीक स्वारम डॉन का इस्तेमाल किया है ! इस तकनीक में टिड्डी दल की तरह बहुत से ड्रोनो को एंटी रडार उपकरणों के साथ समूह में भेज कर दुश्मन के रडारओं को भ्रमित करके अपने निशाने को ढूंढ कर समाप्त किया जाता है ! इसी तकनीक से धीरे धीरे इजराइल ने अपने सारे दुश्मनों को ढूंढ ढूंढ कर समाप्त कर दिया है और इजराइल इस प्रकार अपने प्रगति के पथ पर अग्रसर होने के साथ-साथ विश्व मैं एक शक्ति और उदाहरण बन गया है, कि किस प्रकार अपनी तकनीक और राष्ट्रीयता की भावना के द्वारा वह दुश्मनों से घिरा होने के बावजूद सुरक्षित है और प्रगति कर रहा है !
 
पिछले गणतंत्र दिवस पर भारतीय सेना ने भी स्व!रम तकनीक का प्रदर्शन दिल्ली में राजपथ के ऊपर किया है ! जिसमें एक साथ 75 ड्रोन देशवासियों ने उड़ते हुए देखे थे ! इस प्रकार इजराइल की तरह भारतीय सेना भीनई ड्रोन तकनीक से पाकिस्तान में छिपे हुए आतंकियों को समाप्त करने की स्थिति में है ! अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में एयर स्ट्राइक के द्वारा दे दिया है ! इसलिए पाकिस्तान को समझ जाना चाहिए की अब भारत उसके आतंकी ठिकानों को बिना सेना के भेजे हुए भी समाप्त करने की स्थिति में है ! सैनिक विशेषज्ञों के अनुसार तीसरा विश्व युद्ध तकनीकी माध्यम से ही लड़ा जाएगा ! जिसमें ड्रोन, रॉकेट और मिसाइलों का प्रयोग किया जाएगा जैसा कि रूसी देशों अजरबैजान और आर्मीनिया के बीच हुए युद्ध में देखा गया है ! इस युद्ध में ड्रोन के द्वारा आर्मीनिया ने अजरबैजान के टैंक और सैनिक ठिकानों को निशाना बनाकर समाप्त किया और इस प्रकार युद्ध को बिना किसी क्षति के जीत लिया था ! इसी प्रकार अमेरिका ने केवल ड्रोन की सहायता से ईरान मैं पाकिस्तान की आईएएसआई जैसी इंटेलिजेंस यूनिट के मुखिया मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को ड्रोन के द्वारा ही समाप्त कर दिया था ! यह जनरल बार-बार इराक में अमेरिकी ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाकर हमला कर रहा था ! इसको समाप्त करके अमेरिका ने ईरान को एक कड़ा संदेश दिया की वह कहीं पर भी ढूंढ कर इस तरह के तत्वों को समाप्त कर सकता है !
 
इस समय सैन्य और आर्थिक रूप से भारत विश्व की शक्ति बन चुका है ! जिस प्रकार विश्व की महा शक्तियों जैसे अमेरिका चीन रूस इत्यादि अपनी सीमाओं पर या अपने देश में किसी प्रकार की आतंकी या देश विरोधी गतिविधियों को स्वीकार नहीं करते और ऐसे तत्वों को कड़ा जवाब देते हैं ! उसी प्रकार भारत को भी अब पाकिस्तान को यह महसूस कराना होगा की उसके देश में छिपे हुए भारत विरोधी आतंकियों और इस प्रकार के तत्वों को तकनीक के द्वारा वह समाप्त करने की स्थिति में है ! जिस प्रकार आई एस आई के द्वारा नियंत्रित आतंकियों के सरगना वहां पर खुलेआम भारत को चुनौती और अपने आतंकी दलों को भारत में आतंकवाद के लिए भेजते रहते हैं !इस स्थिति में भारत को भी अमेरिका की तरह इन्हें ड्रोन तकनीक से समाप्त करके पाकिस्तान को यह दिखाना होगा कि जिस प्रकार वह आतंकवाद, ड्रोन और भारत के अंदर तरह-तरह की देश विरोधी गतिविधियों के द्वारा कश्मीर पर कब्जा करना चाहता है, इसका जवाब देने मैं भारत इस वक्त पूर्ण रूप से सक्षम है ! इजराइल और अमेरिका ने यह दिखा दिया है कि जो भी उनके हितों या देश को क्षति पहुंचाएगा उसे शीघ्र अति शीघ्र नई तकनीकों से समाप्त कर दिया जाएगा इस प्रकार उन्होंने अपने दुश्मनों को समाप्त करके अपने देशवासियों को सुरक्षा की भावना के साथ साथ राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत कर दिया है जिसका परिणाम है कि यह दोनों आज विश्व की आर्थिक और सैनिक महाशक्ति के रूप में गिने जाते हैं !
.