पाकिस्तान और चीन द्वारा भारत के विरुद्ध चलाया जा रहा हाइब्रिड या परोक्ष युद्ध

29 Sep 2020 13:21:21
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अभी कुछ समय पहले देश के मीडिया में सुर्खियां थी कि चीन भारत के प्रमुख राजनेताओं तथा व्यक्तियों का डाटा एकत्रित कर रहा है ! इस प्रकार डाटा एकत्रित करने का उसका मुख्य उद्देश यही हो सकता है कि इस डाटा के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक तथा अन्य माध्यमों से चीन देश में भ्रम फैलाने की कोशिश कर सकता है ! जो हाइब्रिड युद्ध का एक उदाहरण है! इसी प्रकार दिल्ली दंगों के लिए दायर आरोप पत्र में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि पाकिस्तान की आईएसआई का दिल्ली में शाहीन बाग धरने तथा दंगों को करवाने में पूरा पूरा हाथ है ! इसकी पुष्टि इन दंगों के आरोपी अतहर खान के बयानों से हुई है ! आईएसआई ने भारत की लोकसभा के द्वारा पारित नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध धरने को और भी उग्र रूप देने के लिए खालिस्तान समर्थक तत्वों को भी शाहीन बाग में भेज कर यह दिखाने की कोशिश की है कि इस कानून के विरुद्ध भारत के सिख भी है ! खालिस्तान समर्थक जबर जंग सिंह ने धरना स्थल पर आकर भारत विरोधी भाषण दिए और वहां पर एकत्र भीड़ को भड़काने की कोशिश की ! इस सब के साथ जैसे ही आई एस आई को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे की भनक मिली उसने नवंबर 2019 से चले आ रहे धरने को मार्च 2020 में दंगों में परिवर्तित कर दिया ! इसका मुख्य उद्देश्य था भारत को विश्व मीडिया जो उस समय दिल्ली में एकत्रित था के सामने शर्मिंदा करना ! विश्व की महाशक्ति के राष्ट्रपति के दिल्ली में मौजूद होने के समय भी यहां की राजधानी में दंगे और इतनी अव्यवस्था है तो पूरे देश में व्यवस्था का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है ! आई एस आई की पूरी प्लानिंग के बारे में दिल्ली के पार्षद ताहिर हुसैन ने भी अपने बयान में बताया है कि दिल्ली का उत्तर पूर्वी क्षेत्र खासकर इन दंगों के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि यह धरना स्थल के नजदीक था तथा इन क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी ज्यादा है ! अभी हाल ही में भारत की राष्ट्रीय जांच संस्था एनआईए ने पश्चिम बंगाल में आई एस आई समर्थित अलकायदा के एक माड्यूल को पकड़ा है ! जिसका इरादा बंगाल में व्यापक स्तर पर हिंसा फैलाना था और इसके बाद यह अलकायदा का माड्यूल दिल्ली के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी हमला करने की योजना बना रहा था ! इस प्रकार आई एस आई भारत में एक युद्ध के बराबर ही बर्बादी करना चाह रही थी ! 
 
उपरोक्त उदाहरण हाइब्रिड या परोक्ष युद्ध के ही हैं !जिनमें बगैर आमने-सामने युद्ध किए पाकिस्तान अपने दुश्मन भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा था ! रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार अब भविष्य में परंपरागत आमने सामने का युद्ध नहीं होगा इसके स्थान पर युद्ध के लक्ष्य इस प्रकार के परोक्ष युद्धों से ही हासिल किए जाएंगे ! इस परोक्ष युद्ध में गैर परंपरागत हथियार जैसे एक देश अपने दुश्मन देश के अंदर तरह तरह के विवादों जैसे सांप्रदायिकता, क्षेत्रीय ता या शाहीन बाग की तरह देश के कानूनों के विरुद्ध देश में विवाद खड़ा करना तथा इन विवादों में तरह तरह के भ्रम और गलत सूचनाएं फैलाकर इन विवादों को हिंसक बनाना !और इन विवादों की आड़ में आतंकवाद फैलाकर अशांति पैदा करना जैसा कि वह लंबे समय से कश्मीर में कर रहा है ! और इसका असफल प्रयास वह पंजाब में खालिस्तानी उग्रवाद के रूप में कर चुका है ! अक्सर पाकिस्तानी मीडिया भारत के मुसलमानों में असुरक्षा की भावना पैदा करती है और उन्हें देश की मुख्यधारा में जुड़ने से रोकती है ! जिसके कारण उनका अभी तक पूर्ण विकास नहीं हो पाया है ! जबकि भारत के मुसलमान देश की अन्य पिछड़ी जातियों की तरह कभी भी दबे कुचले नहीं थे बल्कि 10 वीं शताब्दी से लेकर 18 वीं शताब्दी तक वे भारत के शासक रहे हैं ! परंतु फिर भी जानबूझकर पाकिस्तान जैसा दुश्मन देश भारत के मुसलमानों में असुरक्षा की भावना फैलाकर उन्हें विकास की मुख्यधारा से अलग रख रहा है ! इस कारण जहां भारत के अन्य वर्गों ने उन्नति की है उसी अनुपात में मुस्लिम वर्ग ने आर्थिक और सामाजिक उन्नति नहीं की है ! इस समाज में अक्सर हीन भावना के कारण यह अपने विकास के स्थान पर छोटे-छोटे मुद्दों पर ही अशांत हो जाते हैं ! देश में एकत्रित आंकड़ों के अनुसार अक्सर सांप्रदायिक दंगों के पीछे छोटे-छोटे ऐसे विवाद थे जिन्हें आसानी से सुलझाया जा सकता था ! जैसे कि 2013 में मुजफ्फरनगर के सांप्रदायिक दंगे जो केवल महिला छेड़छाड़ के कारण शुरू हुए थे ! और बाद में इन दंगों ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया कि पूरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश इसके प्रभाव में आ गया और हजारों करोड़ की व्यक्तिगत तथा पब्लिक संपत्ति इन की भेंट चढ़ गई ! इसी प्रकार दिल्ली दंगों में भी संपत्ति को भारी नुकसान के साथ-साथ बहुत से बेगुनाह लोगों की जाने गई है तथा दशकों से चला आ रहा सांप्रदायिक सौहार्द प्रभावित हुआ ! दंगा प्रभावित क्षेत्रों में अब दोनों समुदायों में पहले जैसा भाईचारा देखने में नहीं आ रहा है और अब यह दूसरे पर शक करने लगे हैं ! इस प्रकार पाकिस्तान ने भारतवर्ष के अंदर आर्थिक तथा सामाजिक व्यवस्था को सीधा सीधा आघात पहुंचा कर एक प्रकार से सीधे आमने-सामने के युद्ध के उद्देश्यों की पूर्ति करने की कोशिश की है ! 
 
क्षेत्रीय ता के विवाद के दो बड़े उदाहरण भारतवर्ष में कश्मीर और पंजाब में देखे जा सकते है ! जो पाकिस्तान की आईएसआई के द्वारा पैदा किए गए थे ! 80 के दशक में पाकिस्तान के मिलिट्री शासक जिया उल हक ने भारत के पंजाब में खालिस्तान आंदोलन के बीज बोए और इसे उग्र बनाने के लिए उसने अपने यहां प्रशिक्षित उग्रवादियों को पंजाब में भेज कर आतंकवादी घटनाएं करानी शुरू कर दी ! इस प्रकार भारत के सबसे उन्नतशील प्रदेश पंजाब में अशांति फैला दी जिसके परिणाम स्वरूप पंजाब के हिंदू और सिखों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई ! जबकि इन दोनों समुदायों में बहुत समय से बेटी रोटी का रिश्ता है जो अभी तक चल रहा है ! खालिस्तानीआतंकी उग्रवाद के समय अक्सर हिंदू समाज के प्रमुख लोगों को अपना निशाना बनाते थे ! जिससे इन दोनों समुदायों में दुश्मनी तथा शक की स्थिति पैदा हो जाए और समाज धीरे-धीरे बिखर जाए ! परंतु समय रहते हुए पंजाब के राष्ट्रवादी सिखों ने स्थिति को संभाला और पाकिस्तान के नापाक इरादों का मुंहतोड़ जवाब दिया ! इसी प्रकार से पाकिस्तान दुष्प्रचार फैला कर भारत के कश्मीर में वहां के सामान्य निवासियों को भारत विरोधी बनाता रहा है ! इसलिए उसने समय-समय पर ऐसी स्थितियां पैदा की है जिस से कश्मीर के मुस्लिम समुदाय को लगे कि भारत की सरकार उनके विरुद्ध है ! आजादी के बाद से ही पाकिस्तान की सेना भारत के कश्मीर को हड़पना चाहती थी ! इसके लिए उसने पहला कु प्रयास अक्टूबर 1947 में ही कर दिया था जब पाकिस्तान ने कब- आ- लियो के रूप में उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के पठानों को अपनी सेना के साथ कश्मीर में घुसा कर श्रीनगर पर कब्जा करने का प्रयास किया परंतु उसी समय भारतीय सेना ने पाकिस्तान के इस घिनौने इरादे को मिट्टी में मिला दिया था ! पाकिस्तान इन पठानों के द्वारा विश्व बिरादरी को यह दिखाना चाहता था कि कश्मीर की आवाम भारत के विरुद्ध उठ खड़ी हुई है और वह पाकिस्तान के साथ मिलना चाह रही है ! यह भी पाकिस्तान का परोक्ष या हाइब्रिड युद्ध का ही एक नमूना था ! हाइब्रिड युद्ध पाकिस्तान के अलावा विश्व की महा शक्तियां भी लड़ रही हैं जैसे कि अफगानिस्तान में रूसी सेनाओं के आने के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान के तालिबानी आतंकियों को अफगानिस्तान में भेज कर वहां से रूसी सेनाओं को वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया था ! इसी प्रकार का परोक्ष युद्ध पिछले लंबे समय से विश्व के सबसे धनवान समझे जाने वाले मध्य एशिया के तेल संपन्न देशों के बीच में भी चल रहा है !क्षेत्र की आर्थिक संपदा को बर्बाद करने के लिए तरह-तरह के आतंकी संगठन जैसे आईएसआईएस हिजबुल्ला अल कायदा और तालिबान इत्यादि ओं का गठन किया गया है ! जिन्होंने इस क्षेत्र के सीरिया लीबिया इराक अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों को करीब-करीब बर्बादी के कगार पर ला दिया है आर्थिक और राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार अगले दशक तक मध्य एशिया के इन देशों में और भी अशांति फैल जाएगी और धीरे-धीरे इनकी प्राकृतिक संपदा भी समाप्त होकर इन्हें गरीबी और पिछड़ेपन में धकेल देगी ! यहां यह विचारणीय है कि मध्य एशिया में कोई ऐसा राजनीतिक या क्षेत्रीय मुद्दा नहीं है जिसके कारण युद्ध हो परंतु केबल विश्व की कुछ शक्तियां इस क्षेत्र को बर्बाद करने के लिए यहां पर इन आतंकवादी गठबंधन ओं के द्वारा परोक्ष युद्ध करवा रही हैं और इस आर्थिक संपदा से भरपूर क्षेत्र को बर्बाद कर रही हैं !जो विश्व में हाइब्रिड युद्ध का सबसे भयावह चेहरा है !
 
पूर्वी लद्दाख में भारत चीन सीमा पर मई से तनाव है तथा दोनों देश की सेना पूरी तैयारी के साथ आमने सामने हैं ! परंतु यह दावे के साथ कहा जा सकता है कि यह तनाव युद्ध में परिवर्तित नहीं होगा ! क्योंकि आज के युग में इस प्रकार के युद्ध को कोई देशफायदे का सौदा नहीं मानता ! इस मुख्य कारण है कि इसमें दुश्मन को क्षति पहुंचाते पहुंचाते स्वयंको भी भारी क्षति उठानी पड़ती है ! इसलिए चीन इसी प्रकार अपना शक्ति प्रदर्शन करता रहेगा और वह कभी भी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं करेगा ! परंतु उसके साथ साथ पाकिस्तान और चीन दोनों तरह तरह से हमारे देश में भ्रांतियां फैला कर और सांप्रदायिकता तथा क्षेत्रीय ता के रूप में अपने एजेंटों के द्वारा अशांति की कोशिश करते रहेंगे जिसके द्वारा वह हमारे देश को कमजोर करना चाहते हैं ! इसके लिए वे आज के आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक तथा अन्य संचार के माध्यमों से अपने भारत विरोधी प्रोपेगेंडा को टारगेट तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं ! इसलिए हमारे देश के हर नागरिक को एक सैनिक की तरह दुश्मन की इन चालो को ना काम करना चाहिए ! इसके साथ साथ भारत सरकार को भी चाहिए कि वह मीडिया के लिए आज के समय के अनुसार आचार संहिता निर्धारित करें जिसके द्वारा भारतीय मीडिया केवल टीआरपी के चक्कर में भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल ना हो पाए !
 
इस प्रकार हम दुश्मन को परोक्ष युद्ध मैं भी उसी प्रकार परास्त कर सकते हैं जिस प्रकार सीमाओं पर हमारी सेनाओं ने दुश्मन को परास्त किया है ! इस प्रकार इस युद्ध में देश का हर नागरिक सैनिक है! 
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