देश में सामान्य यौन अपराधों को लव जिहाद की संज्ञा देकर पाकिस्तान की आईएसआई को सहयोग देता भारतीय मीडिया

31 May 2023 17:33:25
साहिल द्वारा दिल्ली में साक्षी का बेरहमी और हैवानियत से किए गए कत्ल के बाद पूरा देश यही कह रहा है कि यदि श्रद्धा के कत्ल में आफताब पूनावाला को शीघ्र अति शीघ्र सजा मिल गई होती तो आज साक्षी का कत्ल उसी प्रकार ना हुआ होता ! परंतु हमारे देश में पिछले लंबे समय से रिवाज है कि जब ऐसी घटना घट जाती है तो टीवी मीडिया इसको सनसनीखेज खबर बनाकर देशवासियों का मनोरंजन लंबे समय तक तक लगातार करके इस खबर के द्वारा अपनी टीआरपी बढ़ाता है और ऐसा ही आजकल साक्षी हत्याकांड में भी हो रहा है ! देश के सारे टीवी चैनलों पर इसी खबर को बार-बार नमक मिर्च लगाकर दिखाया जा रहा है ! मई 2022 में साक्षी से भी ज्यादा बेरहमी और दरिंदगी से श्रद्धा बालकर का कत्ल दिल्ली में ही किया गया था, उसके बाद कातिल ने शब के 35 टुकड़े किए तथा उन टुकड़ों को इसी के लिए खरीदे गए 300 लीटर के फ्रिज में रखा ! जिसके बाद इन टुकड़ों को वह धीरे-धीरे दिल्ली के आसपास के जंगलों में ठिकाने लगा रहा था ! पुलिस को पर्याप्त साक्ष्य मिल चुके हैं और अभी भी पूरे 1 साल बाद यह केस केबल आफताब के नारको टेस्ट तक ही पहुंचा है !
 
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इसी क्रम में 70 के दशक में दिल्ली के बुद्धा जयंती पार्क में एक नौसेना के अधिकारी के बेटे और बेटी का रंगा बिल्ला ने बड़ी बेरहमी से कत्ल किया था ! इसमें गीता नाम की लड़की का रंगा बिल्ला ने सामूहिक बलात्कार किया जिसकी देश के मीडिया और समाचार पत्रों में बहुत ज्यादा चर्चा हुई इससे तत्कालीन मोरारजी देसाई सरकार हिल गई थी ! इतने चर्चित केस में भी अपराधियों को सजा मिलने में पूरे 8 साल का समय लगा ! 16 दिसंबर 2022 को दिल्ली में ही ज्योति सिंह और उनके मित्र ने सिनेमा देखने के बाद रात्रि में 9:30 बजे घर जाने के लिए बस ली ! रात्रि होने के कारण बस में ज्यादा यात्री नहीं थे इसका फायदा उठाकर बस के ड्राइवर और कंडक्टर तथा उसके दो साथियों ने ज्योति सिंह और उसके मित्र को एक सुनसान जगह पर ले जाकर उनको अपने कब्जे में ले लिया और ज्योति का सामूहिक बलात्कार किया जिसका ज्योति ने विरोध करने का प्रयास भी किया ! इसमें इन्होंने ज्योति और उसके मित्र की बहुत बेरहमी से हत्या कर दी क्योंकि यह घटना दिल्ली में घटी थी इसलिए देश के मीडिया ने इस पर पूरा प्रकाश डाला जिसके द्वारा दिल्ली का पूरा समाज इस हृदय विदारक घटना से हिल गया और ज्योति को निर्भया का नाम दिया ! इस प्रकार यह केस निर्भया कांड के नाम से ही जाना जाता है !

दिल्ली में इसके विरोध में जगह- जगह धरने प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाले जाने लगे और इस घटना की सहानुभूति में इसी प्रकार के प्रदर्शन पूरे देश में भी होने लगे ! जिसको देखकर भारत सरकार हरकत में आई और यौन अपराध कानून को और सख्त बनाने के लिए पुराने कानून में संशोधन करने के लिए लोकसभा में बिल पेश किया गया जिसको बड़े बहुमत से पास कर दिया गया ! इसके अनुसार यौन अपराध की धारा 326, 354 तथा 372 इत्यादि में और अनुच्छेद जोड़े गए जिनसे बहुत से अतिरिक्त यौन अपराध भी इसके घेरे में लाए गए जैसे एसिड अटैक, महिला का पीछा करना, महिला को तंग करने के लिए गंदी गंदी टिप्पणियां इत्यादि भी इसमें शामिल की गई और उनके लिए उपर्युक्त सजाओ का प्रावधान भी किया गया ! इसके अतिरिक्त बलात्कार को सिद्ध करने के लिए तथ्यों को और भी विस्तृत किया गया ! इस कानून के बाद आशा थी कि देश में यौन अपराधों पर लगाम लगेगी परंतु ऐसा नहीं हुआ ! बल्कि सोशल मीडिया पर पोर्न प्रोग्रामों को देख कर यौन अपराधों में और बढ़ोतरी हुई और न्याय दिलाने वाली संस्थाओं पुलिस और न्याय व्यवस्था की कार्यप्रणाली के कारण इन अपराधों में तथ्यों के भरपूर उपलब्ध होने के बाद भी न्याय में लंबी-लंबी देरी होती रही ! जिसके कारण अपराधियों को कानून का भय नहीं रहा और वह एक के बाद एक घिनौने अपराधों को अंजाम दे रहे हैं ! इस सब को देख कर यह कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है कि न्याय में देरी न्याय ना मिलने के बराबर होती है !

आजकल हमारे देश में ज्यादातर घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें यदि अपराधी विपरीत धर्म का है तो इसे सोची समझी साजिश से लव जिहाद इत्यादि माना जाता है ! यहां पर यह विचारणीय है कि श्रद्धा बालकर आफताब पूनावाला के साथ हत्या से पहले 3 साल से लिव-इन में रह रही थी श्रद्धा स्वयं शिक्षित थी और मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रही थी !इतना सब होने के बाद श्रद्धा को भली-भांति पता था कि आफताब मुस्लिम है ! तब श्रद्धा को बहकाने और लव जिहाद का इसमें प्रश्न ही नहीं उठता ! इसी प्रकार साक्षी साहिल को पिछले लंबे समय से जानती थी और वह उसे साहिल नाम से पुकारती थी ! तब इसमें लव जिहाद कहां से आ गया ! इन हत्याओं में एक ही बात समान है कि जैसे अक्सर होता है जब पुरुष महिला से संबंध में धोखाधड़ी करके दूसरी स्त्री से संबंध बनाने लगता है तब पहली महिला संबंध विच्छेद करना चाहती है जिसके कारण महिला की हत्या हो जाती है ! ऐसा ही इन दोनों हत्याकांड में भी हुआ ! जब श्रद्धा और साक्षी ने संबंध विच्छेद की कोशिश की तब उनकी बेरहमी से हत्या की गई !

विशेषज्ञों द्वारा यौन अपराधों के विश्लेषण में पाया गया है कि ज्यादातर महिलाएं लिविंग इन टाइप संबंध बिना जांचे परखे स्थापित कर लेती हैं ! जबकि पुरुष और महिला को साथ में रहने के लिए शादी करने के लिए इस संबंध को पवित्र मानकर इसके लिए दोनों पक्षों की पूरी जांच पड़ताल की जाती है ! अपराधों का दूसरा कारण है देश की न्याय व्यवस्था की कमियां जैसे न्याय प्रक्रिया में देरी बदलते समय के अनुसार सबूतों का नोटिस न लेना और जटिल न्यायन प्रक्रिया ! इसके साथ साथ तीसरा बड़ा कारण है इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के द्वारा यौन संबंधों को विकृत रूप में पेश करना और इस पर समाज की मौन स्वीकृति ! जिससे अपराधी इन अपराधों के लिए प्रेरित होता है ! यहां पर यह भी नहीं नकारा जा सकता है कि हमारे देश में सामाजिक तनाव पैदा करने का प्रयास देश विरोधी शक्तियां काफी जोर जोर से कर रही हैं ! इसमें हमारे दुश्मन देश पाकिस्तान और चीन द्वारा पूरा सहयोग किया जा रहा है जिसे आजकल परोक्ष युद्ध बुलाया जाता है !

इसके द्वारा दुश्मन देश की सामाजिक व्यवस्था को उसके संवेदनशील मुद्दों को गलत ढंग से पेश करके बर्बाद करने का प्रयास किया जाता है ! 1971 से पहले पाकिस्तान में पंजाबी और बंगालीयों के बीच में काफी प्रतिस्पर्धा थी ! इस कारण से बंगाली शेख मुजीब रहमान को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया गया था !और इसके परिणाम स्वरूप ही पाकिस्तान का बंटवारा हुआ ! पाकिस्तान इसके लिए भारत को जिम्मेदार मानता है इसलिए इसका बदला लेने के लिए वह उसी प्रकार हमारे देश के बड़े समाज और हिंदू और मुसलमानों में अविश्वास और संदेह पैदा करने का प्रयास कर रहा है ! इसलिए पाकिस्तान की कुख्यात आई एस आई मुस्लिम कट्टरपंथी संगठनों जैसे इंडियन मुजाहिदीन तथा पीएफआई के द्वारा ऐसी घटनाओं को करवाती है जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस लगे और दंगे शुरू हो ! इसके बड़े उदाहरण है नागरिकता संशोधन कानून तथा यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरुद्ध मुस्लिम समाज को भड़काने का प्रयास ! पाकिस्तान के इन कुत्सित इरादों में सोशल मीडिया अपना भरपूर सहयोग प्रदान कर रहा है ! जिस प्रकार सैनिक अपनी राइफल से गोलियां दागता है उसी प्रकार दुश्मन सोशल मीडिया के द्वारा अपने दुष्प्रचार को फैलाने का प्रयास करता है !

j प्रजातांत्रिक व्यवस्था में सरकारें अपनी उपलब्धियां गिनवाने के लिए ज्यादातर आर्थिक और संचार साधनों के जैसे सड़क रेल और औद्योगिकरण के विकास पर ही ध्यान देती हैं ! परंतु सरकारें देश के समाज के सबसे जरूरी अंग मनुष्य की मानसिक संतुष्टि को ध्यान में नहीं रखती हैं ! मानसिक संतुष्टि के लिए समाज के हर सदस्य को उचित और शीघ्र न्याय तथा चुस्त दुरुस्त शासन तंत्र चाहिए होता है ! परंतु हमारे देश में आजादी के बाद भी अंग्रेजी व्यवस्था जिसमें अंग्रेज भारत को गुलाम रखना चाहते थे उसके लिए उन्होंने सिविल सर्विस कोड 1919 तथा पुलिस एक्ट 1861 तथा आपराधिक कानून बनाए थे ! यह व्यवस्था उसी प्रकार अभी भी स्वतंत्र भारत में चल रही है जिसके कारण स्वतंत्र देश में जहां नागरिक को उसका पूरा सम्मान मिलना चाहिए वह उसे उपलब्ध नहीं हो पा रहा है ! इसको देखते हुए जहां सरकारें अन्य आधारभूत ढांचे पर ध्यान देती है वहीं पर उन्हें देश की व्यवस्था को भी आधुनिक और प्रगतिशील बनाने का प्रयास शीघ्र अति शीघ्र करना चाहिए ! इसके साथ साथ देश के मीडिया को भी देश के हितों का ध्यान रखते हुए प्रेस की आजादी के नाम पर भ्रमित करने वाले समाचारों को प्रमुखता नहीं देनी चाहिए !इस प्रकार देश का संतुष्ट नागरिक छोटे-छोटे धार्मिक समाचारों से भ्रमित नहीं होगा !

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