अग्नि वीरों का पहला बैच प्रशिक्षण के बाद राष्ट्र सेवा के लिए तैयार

23 Aug 2023 10:14:52
अग्निवीर योजना की घोषणा भारत सरकार ने 14 जून 2022 को की थी जिसके बाद जनवरी 2023 में प्रशिक्षण प्रारंभ होने के बाद अब शीघ्र ही 19000 अग्नि वीरों का पहला समूह राष्ट्र की सेवा करने के लिए अपनी-अपनी यूनिटों में जाने के लिए तैयार है ! जहां देश ने हर क्षेत्र में तरक्की की वहीं पर सैन्य सेवा में भी अग्निवीर योजना के द्वारा प्रयास किया गया है कि भारतीय सेनाओं को भी ज्यादा से ज्यादा नई तकनीक में प्रशिक्षित युवा मिले ! इसलिए इस योजना में तकनीकी क्षेत्रों जैसे आईटीआई और अन्य प्रशिक्षण केंद्रों में शिक्षा प्राप्त युवाओं को इसमें प्राथमिकता दी जाती है जिनके द्वारा सेनाओं की कार्यप्रणाली में नई तकनीक को सुचारू और व्यवस्थित रूप से प्रयोग में लाया जा सके जिससे सेनाएं और ज्यादा सक्षम बनाई जा सके और यही समय की मांग भी है !
 
 
Agniveer

आज के युग में आमने-सामने के युद्ध के स्थान पर तकनीक से युद्ध लड़े जाते हैं जिसमें इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर आधारित हथियारों का प्रयोग ज्यादा किया जाता है जैसा कि आजकल रूस यूक्रेन युद्ध में हो रहा है !इस प्रकार सेना को आधुनिक बनाने में अग्निवीर योजना के द्वारा पूरी सहायता मिलेगी ! इसी के साथ साथ यह योजना युवाओं के लिए भी उतनी ही लाभकारी है क्योंकि सूचना के इस युग में युवाओं से आशा की जाती है कि वे ज्यादा गंभीरता, मजबूती और साहस से अपने कार्यक्षेत्र में प्रवेश करें और अग्नि वीर योजना मैं मिला प्रशिक्षण और उसके बाद की सैनिक सेवा का अनुभव उनकी इसमें पूरी मदद करेगी ! सैनिक प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य शारीरिक तथा बौद्धिक विकास के साथ-साथ एक सैनिक में साहस और गंभीर चुनौतियों का सामना करने की क्षमता बढ़ाना होता है ! इसके बाद एक सैनिक सेवानिवृत्ति के बाद पूरी जिंदगी अपनी इन विशेषताओं के द्वारा समाज में हर जगह अपना गुणात्मक योगदान देता है !उसकी इन्हीं विशेषताओं के कारण कार्यस्थल पर एक भूतपूर्व सैनिक अपना अलग स्थान बनाता है !उच्च स्तर के स्कूल और शिक्षा संस्थानों से इसी प्रकार की शिक्षा की आशा में ज्यादातर मां बाप अपने बच्चों को महंगी फीस के बावजूद भर्ती करते हैं ! अग्निवीर योजना इन नौजवानों को उसी प्रकार की शिक्षा और जीवन शैली का प्रशिक्षण सेवा के दौरान उपलब्ध कराती है !

इस योजना की इन विशेषताओं के बावजूद देश-विदेश में फैले आलोचक इस योजना को भारत सरकार की कमियों की तरह देख रहे हैं ! उनके अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था इस समय पूर्णकालिक सेना के लिए खर्चा उठाने में सक्षम नहीं है इसलिए देश की सुरक्षा की परवाह न करते हुए सरकार ने बिना विचार विमर्श और लोकसभा की अनुमति के बिना ही इस स्कीम को लागू कर दिया है ! उनका तर्क है कि इस प्रकार अल्पकाल के लिए भर्ती सैनिक देश के लिए अपना सर्वस्व उसी प्रकार न्योछावर नहीं कर सकते जिस प्रकार एक सामान्य सैनिक करता है ! क्योंकि इस प्रक्रिया के द्वारा भर्ती नौजवान को अपना भविष्य अंधकार में नजर आता है ! इसके अलावा सामान्य भर्ती प्रक्रिया में पालन की जाने वाली जातिगत तथा क्षेत्रीयता के आधार पर की जाने वाली भर्ती प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया जा रहा है ! आलोचकों के यह सब कर्क आधारहीन है हां कोरोना काल में सेना की भर्ती प्रक्रिया मैं 2 साल की रुकावट आई थी परंतु अग्निवीर योजना उस कमी को पूरा करने के लिए नहीं है !

अग्निवीरो का भविष्य अंधेरे के स्थान पर उजाले से भरा हुआ है ! इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में सेना के अनुशासन, कार्य के प्रति समर्पण और वफादारी की भावना को अग्निवीर योजना से निवृत्त हुए सैनिकों के द्वारा पहुंचाना है ! इसमें एक अग्निवीर सैनिक को 4 साल तक एक निश्चित वेतन दिया जाता है तथा यदि सेवा के दौरान अग्नि वीर को वीरगति प्राप्त होती है तो उसके आश्रितों को एक सैनिक की तरह जीवन भर पेंशन मिलने का प्रावधान है ! इसके अलावा सेना से निवृत हुए अग्नि वीरों को 10.4 लाख रुपए की धनराशि एकमुश्त दी जाएगी जो आयकर से मुक्त होगी ! इसके साथ-साथ सेवा से निवृत्त हुए अग्नि वीरों को ग्रह, रेलवे, नगर विमानन मंत्रालय की नौकरियों में 10 परसेंट तक आरक्षण प्रदान किया जाएगा ! इसके साथ ही रक्षा क्षेत्र में कार्य करने वाली प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर फैक्ट्रियों में भी पर्याप्त आरक्षण उपलब्ध करवाया जाएगा ! अपना उद्योग शुरू करने वाले युवाओं को अपना धंधा शुरू करने के लिए सरकार आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराएगी ! इस प्रकार अग्निवीर सेवा के द्वारा युवा देश की प्रगति में अपनी अनुशासन पूर्ण कार्य प्रणाली द्वारा प्रगति को आगे बढ़ाने वाले नजर आएंगे ! यहां पर आलोचकों का यह तर्क भी सही नहीं है की भारतीय सेना में सामान्य भर्ती प्रक्रिया नहीं होगी जबकि सामान्य सैनिकों की भर्ती भी अग्नि वीरों के साथ-साथ सामान्य रूप से चलती रहेगी और चल भी रही है !

पश्चिमी देशों और खासकर अमेरिका में सामाजिक और अन्य क्षेत्रों की अनुशासित कार्यप्रणाली से ज्यादातर पूरे विश्व की जनता प्रभावित है ! अमेरिका में ऐसा माना जाता है कि वहां का हर नागरिक सादा कपड़ों में भी एक पुलिसमैन है और उसमें राष्ट्रीयता की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है ! परंतु एशिया और अफ्रीका इत्यादि महाद्वीप के देशों में इस प्रकार की भावना एक आम नागरिक में नजर नहीं आती है ! इसका मुख्य कारण है की यह देश लंबे समय तक गुलाम रहे और उसके बाद भी उनके समाजों में मानवीय विकास पर उतनी तवज्जो नहीं दी गई जितनी पश्चिमी देशों और खासकर अमेरिका में दी गई थी ! स्वच्छ प्रशासन के साथ इन देशों में मानव विकास के लिए अनिवार्य सैनिक सेवा लंबे समय तक चलती रही !

अमेरिका में जनवरी 1973 तक वहां के हर नागरिक के लिए सैनिक सेवा अनिवार्य थी ! इसके बाद 1980 मैं वहां के राष्ट्रपति श्री जिम्मी कार्टर ने वहां पर 18 से 26 वर्ष तक की आयु के हर नागरिक को सैनिक सेवा के लिए रजिस्टर्ड करवाना जरूरी कर दिया और 35 साल की उम्र तक उन्हें सैनिक सेवा के लिए जरूरत पड़ने पर बुलाया जा सकता है ! इंग्लैंड में भी वहां के हर नागरिक के लिए 1963 तक सैनिक सेवा कुछ समय के लिए अनिवार्य थी और इसी का परिणाम था कि वहां का हर नागरिक देश प्रेम की भावना से भरा हुआ था जिसके कारण एक समय में विश्व मैं ज्यादातर देशों में इंग्लैंड का शासन फैला हुआ था ! इस सब को देखते हुए भारत की व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव लाने के लिए यहां के बुद्धिजीवी लंबे समय से अनिवार्य सैनिक प्रशिक्षण की मांग कर रहे थे जिसे सरकार ने अग्निवीर योजना के द्वारा पूरा करने की कोशिश की है !

2023 को हमारा देश आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है परंतु इसके साथ साथ देश के मीडिया में हर समय शासन तंत्र की कमियों के कारण फैले भ्रष्टाचार भाई भतीजावाद तथा सांप्रदायिकता की खबरें भी भरी रहती हैं ! इससे देशवासियों का मनोबल प्रभावित होता है और वह सोचते हैं की जब हमारा देश विकसित देशों की सूची में अपना स्थान बना रहा है तब क्यों हमारे देश में इस प्रकार की अव्यवस्था है ! समाज शास्त्रियों के अनुसार इस सब का मुख्य कारण है कि हमारे देश की युवा शक्ति को अमेरिकी तथा पश्चिमी देशों की तरह चरित्र और व्यक्तित्व निर्माण का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है जैसा कि वहां पर स्कूली शिक्षा के अलावा अनिवार्य सैन्य सेवा के द्वारा प्रदान किया जाता है !

 इस सामूहिक प्रशिक्षण की कमी के कारण ही देश में अनुशासन और राष्ट्रीयता की भावना की काफी कमी देखी गई ! परंतु अब भारत सरकार ने इस कमी को पूरा करने के लिए अग्निवीर योजना की शुरुआत की है जिसके द्वारा देश के युवा अग्निवीर सैन्य सेवा से निवृत्त होकर देश मै हर क्षेत्र में अपनी सेवाएं प्रदान करके वहां पर अनुशासन और क्रमवार कार्य करने की पद्धति लागू करेंगे ! इन सेवानिवृत्त अग्नि वीरों की कार्यप्रणाली से प्रेरणा लेकर इनके साथी अन्य कर्मचारी भी अपनी कार्यप्रणाली को उनके जैसा बनाने का प्रयास करेंगे !

अग्निवीर योजना भारत के नवयुवकों के लिए अपने व्यक्तित्व को पूर्ण विकसित और स्वयं को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाकर जीवन की शुरुआत करने का एक स्वर्णिम अवसर है ! इस प्रकार ये युवा देश के हर क्षेत्र और हर स्तर पर सैन्य सेवा के अनुशासन और क्रमवार कार्यप्रणाली के द्वारा देश की सुव्यवस्था में अपना पूर्ण योगदान दे सकते हैं ! एक प्रकार से यह यह भी राष्ट्र निर्माण ही है क्योंकि जब देश का कार्य बल अनुशासित और व्यवस्थित होगा तो स्वता ही राष्ट्र मजबूत और शक्तिशाली बनेगा !

आलोचकों की सूचना के लिए भारतीय सेना के संख्या बल में कहीं कोई कटौती नहीं की गई है इसमें केवल आधुनिक तकनीक को समाहित करने के लिए इन नौजवानों को अल्पकाल के लिए सेना में भर्ती किया जा रहा है ! इसके साथ ही इनके भविष्य को विभिन्न योजनाओं के द्वारा सवारने का प्रयास भी किया जा रहा है ! यह भारतीय सेना की मजबूती ही है जिसके कारण आज भारत एक सैनिक महाशक्ति बन गया है और भारत के दुश्मन चीन और पाकिस्तान भारत की तरफ नजर उठाकर भी नहीं देख सकते हैं !

Powered By Sangraha 9.0