कामधेनु आयोग की राष्ट्रीय स्तर पर चार परीक्षाए

NewsBharati    07-Jan-2021 17:05:13 PM   
Total Views |
कामधेनु आयोग ने गाय विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर चार परीक्षा ले रहा है| ये परीक्षाएं चौदह भाषां मे होगी| कामधेनु आयोग के अध्यक्ष डॉ वल्लभ भाई काथिरिया ने इसके बारे मे बताया की, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बताया है की, देशे के हर व्यक्ती को गाय के बारेमे जादा से जादा जानकारी होनी चाहिये| यह परीक्षा २५ फरवरी को है|
 
cow_1  H x W: 0 
 
 
देश का कोई भी व्यक्ति इस परीक्षा में शामिल हो सकेगा| जो लोग परीक्षा में भाग लेना चाहते हैं उन्हें कामधेनु आयोग वेबसाईट पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा| २५ फरवरी २०२१ को यह परीक्षा आयोजित की जाएगी| यह परीक्षा चार वर्गों मे होगी| प्राथमिक स्तर पर कक्षा ८ तक के छात्रों के लिए , उसके बाद ९वें से १२वीं तक के छात्रों के लिए, १२ वीं से आगे के लिए और चौथा आम लोगों के लिए|
कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार-प्रसार परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए किसी तरह शुल्क की आवश्यकता नहीं है| ऑनलाइन होने वाली इस परीक्षा में प्राथमिक, माध्यमिक, कॉलेज स्तर के छात्र तथा आम लोग हिस्सा ले सकते हैं| हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अन्य बारह क्षेत्रीय भाषाओं मे ये परीक्षा आयोजित की जाएगी| प्रश्न पत्र सौ नंबर का होगा और सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ होंगे| परीका एक सिलेबस होगा| इन सारे विषयों की पाठ्यसामग्री तैयार की गई है जिसे जल्दही आयोग के वेबसाईट पर डाला जाएगा| २५ फरवरी को होने वाली परीक्षा के नतीजे तुरंत घोषित कर दिए जाएंगे| परीक्षार्थियों को प्रमाणपत्र, होनहार उम्मीदवारों को पुरस्कार दिए जाएंगे| 
 
केंद्र सरकार ने फरवरी २०१९ में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन किया था| यह आयोग मत्स्यपालन, पशुपालन और डेअरी मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है| इस विषय मे कामधेनु आयोग का कहना है की, गाय केवल दूध देने वाली पशु नहीं है बल्कि चार पैरों पर चलता-फिरता पूरा विज्ञान है| आयोग का दावा है कि केंद्र सरकार के ५ ट्रिलियन इकोनॉमिस्क के सपने को पूरा करने में गाय एक अहम रोल निभा सकती है| गाय के विज्ञान को बढावा देने के लिए कामधेनु आयोग का यह नॅशनल लेवल परीक्षा एग्जाम हैं|
 

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष ने कुछ समय पहले कहा था कि गाय का गोबर एंटी रेडिएशन है. यह सभी की रक्षा करता है, यदि आप इसे घर लाते हैं तो आपका स्थान रेडिएशन फ्री हो जाएगा. यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है.

Moreshwar Joshi

Moreshwar Joshi has been working as a special correspondent of Tarun Bharat for the last fifty years. He has written 5,000 articles on Christian missionaries in the last fifty years.  From 1990 to 2000, he has worked for an English newspaper as well as from 1994 to 2005, he worked in audio-visual media. He has written 100 articles based on the book 'Breaking India', in which Jihadis, Maoists, Separatists Dravidians, and churches in the Northeast are working together in India for Panchajanya Hindi weekly magazine. He has written 20 articles in Vivek's weekly magazine in 2014, after traveling to ten European countries and came to know that Christians became a minority in countries of 'Europe, America, Russia, Australia'. He has written 150 articles on cattle science in the Sandhyananda newspaper. Apart from this, 150 articles in other publications on the same subject.