देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को भारी क्षति - सेना के सेवारत और भूतपूर्व कर्मियों के साथ राज्य पुलिस का बर्बरता पूर्ण व्यवहार

पिछले कुछ समय से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को क्षति पहुंचाने के लिए षड्यंत्र के द्वारा सैनिकों के साथ इस प्रकार का अभद्र व्यवहार जानबूझकर किया जा रहा है जिससे सेवारत सैनिक निराश और असहाय महसूस करें जिससे उनका मनोबल प्रभावित हो सके और वह कारगिल युद्ध की तरह कैप्टन विक्रम बत्रा, सूबेदार योगेंद्र यादव इत्यादि की तरह देश के दुश्मनों की आँखों में आँख डालकर सामना न कर पाएँ !

NewsBharati    27-Dec-2021   
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अभी हाल में ही 5 दिसंबर को मेरठ जिले के परीक्षितगढ़ गांव में सेना की जाट बटालियन के एक सेवारत सूबेदार रैंक के जूनियर कमीशंड ऑफिसर के साथ पुलिस ने बर्बरता की सारी सीमाएँ लाँघ दी ! इस घटना में 5 दिसंबर की शाम को करीब 5:00 बजे एक युवक जिसके पिता सेना में सूबेदार है, वह अपने खेतों से वापस घर के लिए आ रहा था उस समय इस क्षेत्र में पुलिस की एक टीम उस क्षेत्र में पेट्रोलिंग कर रही थी ! इस टीम ने इस युवक से अपने उग्र व्यवहार के द्वारा पूछताछ की जिसका जवाब स्वाभिमानी नवयुवक ने उसी प्रकार से दिया जैसे एक स्वतंत्र देश के निवासी को अपने आत्मसम्मान की रक्षा करते हुए देना चाहिए ! परंतु इस युवक का यह जवाब देने का तरीका पुलिस को पसंद नहीं आया क्योंकि पुलिस गुलामी की प्रथा के अनुसार उस युवक के गुलाम की तरह हाथ जोड़ने के व्यवहार की आशा कर रही थी ! इस पर पुलिस ने युवक के साथ मारपीट शुरू कर दी जिस की आवाज सुनकर उसके पिता जो सेना से छुट्टी पर घर आए हुए थे और अपने संबंधियों के साथ घर में बैठे थे वह मौके पर पहुंचे ! उन्होंने पुलिस को अपना परिचय दिया और अपने पुत्र के लिए बिना किसी शर्त के क्षमा याचना की ! उस समय पुलिस चली गई मगर रात में 2 बजे दोबारा पुलिस की बड़ी टीम इस सेना के कर्मी के घर में इस प्रकार छापा मारने आई जैसे किसी आतंकी घर में उसे पकड़ने के लिए छापा मारा जाता है ! इस छापे में पुलिस ने सूबेदार के संबंधियों के साथ उन्हें गिरफ्तार कर लिया जबकि उनके घर की महिलाएँ बार-बार क्षमा याचना कर रही थी ! इस प्रकार सरेआम राज्य पुलिस ने सेना के सूबेदार स्तर के अधिकारी की बेईज्जती की और उन्हें कानून की 9 गंभीर धाराओं के अंतर्गत जेल में डाल दिया जिसमें धारा 307 भी लगाई गई है ! इसकी सूचना इनकी पत्नी ने अपनी रेजिमेंट के अधिकारियों को बरेली में भी दी और इसकी प्रतिलिपि मेरठ के एसएसपी को भी दी गई है ! इसके बावजूद यह सूबेदार अभी तक जेल में बंद है ! सैन्य कर्मीयों का परिवार जो अपने आप पर गर्व करता था आज वह जगह-जगह शर्मिंदा होकर सूबेदार साहब की जमानत की गुहार लगा रहा है !
 
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इसी प्रकार की कई घटनाएं उत्तर प्रदेश में देखने में आई है जिसमें सेना के रिटायर्ड नायक रेशम सिंह, कैप्टन तिवारी और इसी प्रकार फतेहपुर के एक रिटायर्ड कर्नलसाहब के साथ किया गया अमानवीय व्यवहार शामिल है जिसमें कर्नल साहब गंभीर स्थिति में अस्पताल में दाखिल कराए गए थे ! यह ऐसे उदाहरण है जिनमें पुलिस की कार्यप्रणाली के द्वारा सैन्य कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया और इनमें प्रदेश की व्यवस्था अभी तक ज्यादा कुछ नहीं कर पाई है ! क्या इस प्रकार के व्यवहार के कारण एक सेवारत सैनिक जो देश की सीमाओं के लिए 20,000 से 24000 की फुट की ऊंचाई पर सियाचिन और उत्तरी सिक्किम में माइनस 30 से लेकर 40 तक के तापमान में अपना सर्वस्व निछावर कर रहा है क्या उसका मनोबल ऊंचा रह सकता है ? इस प्रकार की घटनाएं देश के कई राज्यों में देखने में आती है ! इन घटनाओं से प्रतीत होता है कि पिछले कुछ समय से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को क्षति पहुंचाने के लिए षड्यंत्र के द्वारा सैनिकों के साथ इस प्रकार का अभद्र व्यवहार जानबूझकर किया जा रहा है जिससे सेवारत सैनिक निराश और असहाय महसूस करें जिससे उनका मनोबल प्रभावित हो सके और वह कारगिल युद्ध की तरह कैप्टन विक्रम बत्रा, सूबेदार योगेंद्र यादव इत्यादि की तरह देश के दुश्मनों की आँखों में आँख डालकर सामना न कर पाएँ ! उच्च कोटि के राष्ट्रीय भावना और देश प्रेम के द्वारा 1971 के फाजिल्का युद्ध में मेजरj नारायण सिंह ने पाकिस्तानी सेना के चीफ जनरल राहील शरीफ के बड़े भाई मेजर शरीफ के साथ ललकार कर मल युद्ध किया और पाकिस्तानियों को दिखा दिया कि भारतीय सैनिक अपने देश के लिए सर्वस्व निछावर करने के लिए हर समय तैयार है ! परंतु इस भावना साहस और वीरता के लिए उसका आत्मसम्मान जरूरी है और इसके लिए समाज समाज द्वारा उसे सम्मान दिया जाना उतना ही जरूरी है ! हर देशवासी देश की सुरक्षा में अपना सहयोग हर स्थान से दे सकते हैं ! इसी प्रकार सैनिकों को सम्मान देकर देशवासी देश की राष्ट्रीय सुरक्षा में अपना सहयोग प्रदान करते हैं !

लंबे समय से देखा जा रहा है कि देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही जाता है और उपरोक्त सारी घटनाएं उत्तर प्रदेश में ही घट रही है जहां पर कुछ समय बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं ! यहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है ! इस सरकार की छवि खराब करने के लिए उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टियां की सरकारों के समय भर्ती किए गए कुछ पुलिसकर्मी जानबूझकर भारतीय जनता पार्टी की छवि खराब करने के लिए सेवारत और भूतपूर्व सैनिकों के साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार करके प्रदेश में उसकी छवि खराब करना चाह रहे हैं ! जैसा कि मेरठ में एक पुलिस इंस्पेक्टर ने सेना के सूबेदार के साथ किया ! राष्ट्रीय सुरक्षा के विशेषज्ञों के अनुसार अक्सर हमारे देश में सत्ता के स्वार्थ में राजनीतिक दल तरह तरह के षड्यंत्र करते हैं और मौके का फायदा उठाकर पाकिस्तान की आईएसआई अपने स्लीपिंग एजेंटों के द्वारा इनको विकराल रूप देती है ! जिससे प्रभावित क्षेत्र में दंगे और हिंसा फैल जाए और देश की आंतरिक शांति और व्यवस्था उत्तल पुथल हो जैसा कि 80 के दशक में पंजाब में देखा गया था ! शुरू में सत्ता के लिए सिखकट्टरपंथियों को बढ़ावा दिया गया जिसके बाद मौका देख कर आईएसआई ने इसे खालिस्तान की मांग के रूप में बदल कर पूरे पंजाब और आसपास के क्षेत्रों में आतंकवाद फैला दिया बाद में भारतीय सेना को ऑपरेशन ब्लू स्टार के द्वारा इसे नियंत्रित करना पड़ा ! परंतु पंजाब के सिखों की उच्च कोटि की राष्ट्रीय भावना के कारण आई एस आई अपने मिशन में सफल नहीं हो पाई ! अभी फिर आईएसआई इसी प्रकार की कोशिश पंजाब में करने की कोशिश कर रही है ! इसलिए केंद्रीय सरकार को उत्तर प्रदेश की पुलिस की इन घटनाओं और पंजाब में दोबारा सर उठा रहे खालिस्तानी मूवमेंट की जांच करा कर उस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ! अन्यथा बाद में ब्लू स्टार की तरह देश को बड़ी आर्थिक और मानसिक क्षति झेलनी पड़ेगी और साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि भी प्रभावित होगी !

पूरा विश्व जानता है की 18 और 19 वीं शताब्दी में पूरे विश्व पर छोटे से इंग्लैंड ने शासन किया और वहां के राजा विश्व के बड़े हिस्से के राजा माने जाते थे ! यह सब केवल इंग्लैंड की सेना के द्वारा ही किया गया था ! इंग्लैंड में सेना का उच्च कोटि का सम्मान वहां की एक परंपरा बन गई है जिसको पूरे इंग्लैंड वासी पूरी श्रद्धा के साथ निभाते हैं ! इसके अंतर्गत इंग्लैंड के अंदर सेना का आदर सेवारत सैनिकों के साथ साथ भूतपूर्व सैनिकों को भी भरपूर सम्मान किया जाता है !पूरे विश्व में सैनिकों के कल्याण के लिए तरह-तरह की योजनाओं के अंतर्गत उनकी देखभाल की जाती है ! इस देखभाल के पीछे एक बड़ा तर्क यह है कि जिस समय सैनिकों को अपने भावी जीवन के लिए कुछ करना चाहिए उस समय वे देश की रक्षा के लिए समाज से अलग सीमाओं पर रहते हैं ! इस प्रकार जब सैनिक अपना सर्वस्व और जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा देश की सुरक्षा के लिए अर्पित करते हैं तो देशवासियों को भी चाहिए की उन्हें यह महसूस कराएं कि वह पूरे देश के लिए एक सम्माननीय है और जो कार्य वह अपनी युवावस्था में अपने भावी जीवन के लिए नहीं कर पाए उसको अब पूरा देश अपना सहयोग देकर पूरा करेगा ! इससे एक सैनिक को यह विश्वास रहता है कि उसका देश उसे कभी निराश और बेइज्जत नहीं करेगा और उसके परिवार का पूरा सम्मान देशवासी और व्यवस्था करेगी !परंतु उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ समय से हो रही इस प्रकार की घटनाओं से सेना का मनोबल प्रभावित हो सकता है ! यहां पर सबसे दुखद यह है कि मेरठ के सूबेदार का परिवार जिले के एसएसपी और प्रांत की सरकार तक गुहार लगा रही है परंतु अभी तक इस सूबेदार को जमानत भी नहीं मिली है ! जबकि देश की लोकसभा पर हमला करने वाले आतंकवादियों के लिए देश के उच्चतमन्यायालय ने रात के 2:00 बजे भी सुनवाई की थी !

देश के उपराष्ट्रपति ने अभी कुछ दिन पहले एक सम्मेलन में कहा था कि देश की विधयिका सत्ता के स्वार्थ और मतभेदों मैं ही उलझी हुई है जिसके कारण विधायिका का कार्यपालिका पर ना तो कोई नियंत्रण है और ना ही व्यवस्था पर लगाम कस पा रही है ! इसलिए सरकार के दिशानिर्देशों को भी देश की कार्यपालिका लागू नहीं कर रही है ! जिसके कारण जगह-जगह सरकार की उदासीनता और पुलिस की बर्बरता नजर आती है ! भारत सरकार और प्रांतीय सरकारों ने सैन्य कर्मियों के लिए बहुत सी कल्याण की योजनाएं चलाई है और सरकारों ने काफी दिशा निर्देश सेवारत और भूतपूर्व सैनिकों के मान सम्मान और उनकी भलाई के लिए जारी किए हैं परंतु कार्यपालिका में कार्यरत नौकरशाह और पुलिसकर्मी उन्हें लागू ही नहीं कर रही, और ना ही सैनिकों का सम्मान करती है !इसलिए अक्सर मेरठ जैसी घटनाएं जगह जगह दिखाई देती है !

देशवासियों ने देखा है कि हमारी आपसी फूट और अव्यवस्थित सेना के कारण देश पूरे 800 साल तक गुलाम रहा !यह गुलामी हमारे देश पर मुट्ठी भर बाहरी हमलावरों ने थोपी ! बाबर केवल 3000 सैनिकों के साथ भारत में आया था और उसने पूरे देश पर मुगल साम्राज्य स्थापित कर दिया ! जिस को हटाने में देश को पूरे 800 साल लग गए ! इसलिए हमें इतिहास से सबक लेते हुए देश की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करनी चाहिए और राष्ट्रीय सुरक्षा में लगी हुई सेना के मनोबल को ऊंचा करने के लिए उन्हें उचित सम्मान और उनके जीवन और परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने में देशवासियों को योगदान देना चाहिए ! इसी के साथ साथ देश की न्याय व्यवस्था को भी सैन्य कर्मियों को शीघ्र अति शीघ्र न्याय प्रदान करना चाहिए !

देशवासियों को यह जानना जरूरी है किस सैनिक प्रशिक्षण में सर्वप्रथम एक सैनिक को राष्ट्रीयता की भावना और देश का अनुशासित नागरिक बनाया जाता है इसके बाद ही उसे सेना का प्रशिक्षण दिया जाता है इसलिए इस प्रकार के प्रशिक्षण के बाद एक सैनिक देश में सेवा में रहते हुए भी और सेवारत होने के बाद भी वह देश के निर्माण में हर प्रकार से सहयोग करता है !इस को ध्यान में रखते हुए वापस समाज में सैनिकों को सम्माननीय स्थान दिलाने के लिए इस समय जल्द से जल्द उत्तर प्रदेश सरकार को प्रदेश में जगह जगह सैनिकों के अपमान पर संज्ञान लेकर तुरंत कार्यवाही के रूप में दोषियों को कड़ी सजा देकर एक संदेश उन ताकतों को देना चाहिए जो इस प्रकार की हरकतों से देश की सेना का मनोबल गिराने का काम कर रही है !