देश की स्थिरता के लिए सूचना युद्ध के द्वारा खतरा

दुनिया के सामने इसके उदाहरण रूस-- यूक्रेन युद्ध और विश्व के विभिन्न देशों में आंतरिक अस्थिरता फैलाने के लिए चलाए जानेवाले दुष्प्रचार ! इसके सबसे बड़े उदाहरण है भारत के राज्य जम्मू कश्मीर पंजाब और उत्तर-पूर्व के मणिपुरमैं अभी तक पनप रहा आतंकवाद !

NewsBharati    14-Nov-2022 14:51:37 PM   
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दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय सुरक्षा कॉलेज के दीक्षांत समारोह में अपने भाषण में कहा है कि हालांकि देश के शत्रुओं चीन और पाकिस्तान के साथ लगने वाली सीमाएं सक्रिय है परंतु इनके साथ साथ देश को गैर परम परंपरागत दुश्मनों से इन से भी ज्यादा खतरा है इन दुश्मनों से लड़ने के लिए राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि पूरे विश्व को दुश्मनों से मिलकर मुकाबला करना चाहिए तभी इन पर विजय संभव है ! और यह दुश्मन है दुश्मन देशों द्वारा चलाया जाने वाला सूचना तथा साइबर युद्ध ! इस युद्ध का मुख्य उद्देश होता है देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा करके देश के टुकड़े-टुकड़े करवाना, जिससे जो उद्देश्य भीषण युद्ध युद्ध के द्वारा पहले प्राप्त किया जाता था अब उससे भी ज्यादा बड़े उद्देश्य सूचना युद्ध के द्वारा देश को खंडित करके प्राप्त कर लिए जाते हैं ! दुनिया के सामने इसके उदाहरण रूस-- यूक्रेन युद्ध और विश्व के विभिन्न देशों में आंतरिक अस्थिरता फैलाने के लिए चलाए जानेवाले दुष्प्रचार ! इसके सबसे बड़े उदाहरण है भारत के राज्य जम्मू कश्मीर पंजाब और उत्तर-पूर्व के मणिपुरमैं अभी तक पनप रहा आतंकवाद ! अभी-अभी क्रिकेट के टी20 मैच में पाकिस्तान की हार होने पर पंजाब के मोगा में दो छात्र ग्रुपों के बीच में भीषण मारपीट हुई है इसमें एक ग्रुप पाकिस्तान टीम का समर्थक था ! इन छात्रों का इस प्रकार का पाकिस्तान समर्थन यह दर्शाने के लिए पर्याप्त है की इस सूचना युद्ध के द्वारा ही इनको इतना बरगलाया गया है कि वह खुले में पाकिस्तान के साथ स्वयं को दिखा रहे हैं !
 
CYber 

सूचना तथा साइबर युद्ध के कारण देश की आंतरिक तथा बाह्य सुरक्षा के बीच में दिन प्रतिदिन अंतर कम होता जा रहा है ! इसका उदाहरण है आतंकवाद हालांकि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करता है परंतु इन आतंकियों को धन की उपलब्धता, इनकी ट्रेनिंग तथा हथियार दुश्मन देशों से ही आते हैं ! जम्मू कश्मीर में आतंकियों को पूरी सहायता तथा इनको निर्देश पाक टी आई एस आई से ही आते हैं ! इसके अतिरिक्त देश के संवेदनशील आधारभूत ढांचे यातायात, शक्ति, टेलीकम्युनिकेशंस तथा आर्थिक व्यवस्था को भी सूचना युद्ध से बहुत बड़ा खतरा है !क्योंकि इस ढांचे में व्यवधान आने पर अक्सर जांच के बाद पता चलता है कि इसके तार विदेश में बैठे देश के दुश्मनों से जुड़े हुए थे जो सोशल मीडिया के द्वारा अपने पूरे निर्देश अपने एजेंटों तक पहुंचा रहे थे ! आज के युग सूचना युद्ध के द्वारा समाज में आसानी से विद्वेष फैलाया जा सकता है! दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध इतना बड़ा धरना प्रदर्शन इतने लंबे समय तक हर प्रकार की सुविधाओं के साथ चलाया गया था|

सके लिए लगातार सोशल मीडिया के द्वारा देश के अल्पसंख्यक वर्ग में देश की सरकार के विरुद्ध तरह तरह की भ्रामक सूचना फैलाकर उनके अंदर देश विरोधी भावनाओं को पैदा करके उन्हें प्रदर्शनों तथा दंगों के लिए तैयार किया ;! इसलिए शाहीन बाग प्रदर्शन पूरे 6 महीने चला तथा इसकी समाप्ति भी बहुचर्चित दिल्ली दंगों में हुई ! इस समय पूरे विश्व का ध्यान केंद्रित करने वाले रूस यूक्रेन युद्ध में इस सूचना युद्ध का बहुत बड़ा रोल सामने आया है ! जिसके कारण विश्व की महाशक्तिशांति कहाया जाने वाला रूस यूक्रेन के सामने इतने लंबे चले युद्ध में अभी तक सफलता प्राप्त नहीं कर सका है !इसका मुख्य कारण है पश्चिमी देशों के मीडिया ने रूसी सैनिकों का मनोबल इतना गिरा दिया है जिसके कारण बहुत से मोर्चों पर रूसी सेना अक्सर पीछे हट रही है !आजकल यूक्रेन की क्षेत्रीय राजधानी मेहरसन से रूसी सेना पीछे हट रही है जो एक प्रकार से रूस की हार ही है ! और यह सब सूचना युद्ध के द्वारा रूसी सैनिकों के मनोबल को प्रभावित करके हुआ है !

भारत में विभिन्न समुदायों और जातियों जिनमें अक्सर छोटे-छोटे मुद्दों पर विवाद रहता है इसको देखते हुए अफसर पाकिस्तान अपने सूचना तंत्र के द्वारा इन मतभेदों को बढ़ावा देता रहता है जिसके परिणाम स्वरूप आपस में झगड़े मनमुटाव होते रहते हैं और सामाजिक स्थिरता तथा शांति प्रभावित होती है !जिस प्रकार पश्चिमी पाकिस्तान के जुल्मों सितम से तंग आकर आज के बांग्लादेश के निवासियों ने पाकिस्तान से अलग एक अलग देश बनाया उसी प्रकार पाकिस्तान भारतवर्ष में भी विभिन्न मतभेदों को बढ़ावा देकर देश के टुकड़े कर आना चाहता है ! और यह सब वह साइन बाग जैसे प्रदर्शनों के द्वारा ही करना चाहता है इसे देखा जा सकता है की सूचना युद्ध कितना घातक सिद्ध हो सकता है ! ऐतिहासिक गलतियों के कारण देश में हिंदुओं के कुछ पूजा स्थलों को तोड़ा गया था जिसकी याद अक्सर देश के दुश्मन भारत के बहुसंख्यक समाज हिंदुओं को करा कर उन्हें हिंसा के लिए प्रेरित करते हैं ! जिसकी याद में अक्सर हिंदू समाज में जगह-जगह आक्रोश पैदा हो जाता है और ऐसी स्थितियों का हमारा दुश्मन देश पाकिस्तान फायदा उठा कर के अपने प्रचार माध्यमों के द्वारा मुस्लिम समाज में अनजाना भय पैदा कर देता हैद जिससे अक्सर दोनों समुदायों में टकराव की स्थिति पैदा हो जाती है ! इसके अलावा पाकिस्तान के शिपिंग एजेंट देश के विभिन्न भागों में अपने आशाओं के नियंत्रण में जगह जगह तनाव पैदा करते रहते हैं !

इसका सबसे बड़ा उदाहरण नागरिकता संशोधन कानून है ,जिसकी गलत विवेचना करके देश के मुस्लिम समाज में नागरिकता खोने का भय पैदा करके उन्हें प्रदर्शनों और दंगों के लिए प्रेरित कियाऔर इन धरने प्रदर्शनों को उग्र बनाने के लिए इनके एजेंट ऐसी हरकतें करते हैं जिससे सुरक्षाबलों को इनके विरुद्ध शक्ति प्रयोग करना पड़े और इस शक्ति प्रयोग के बाद में देश में अशांति और अस्थिरता का माहौल पैदा हो जाता है ! इसीलिए शासन तंत्र को चलाने वाले नौकरशाहों पुलिस अधिकारियों तथा विदेश सेवा के उच्च स्तर के अधिकारियों को भी राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रशिक्षण राष्ट्रीय सुरक्षा कॉलेज दिल्ली में सेना के अधिकारियों के साथ दिया जाता है ! यह राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रशिक्षण देने वाला देश का उच्चतम संस्थान है ! इसमें प्रशिक्षण पाने वाले विद्यार्थी तीनों सेनाओं के उच्च स्तर ब्रिगेडियर रैंक के होते हैं इनके और इसी स्तर के सिविल अधिकारी भी इस प्रशिक्षण को प्राप्त करते हैं ! इसमें प्रशिक्षण पाने वाले अधिकारी अपने कैरियर में ऐसी पोजीशन तक पहुंच चुके होते हैं जहां पर नीतिगत फैसले लिए जाते हैं ! इसलिए रक्षा मंत्री ने इस स्तर के अधिकारियों को उनके प्रशिक्षण के पूरा होने पर उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उत्पन्न होने वाले नए खतरो के बारे में बारे में सावधान किया है !

यह इस बात का सूचक है कि देश की सरकार इन खतरों के बारे में पूरी तरह से अवगत है और वह अपने शासन तंत्र को चलाने वाले अधिकारियों से यह आशा करती है कि वह देश की राष्ट्रीय सुरक्षा मैं अपना योगदान दें ! देश की सरकार चाहती है कि इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने वाले अधिकारी देश की शासन प्रणाली मैं व्यवधान उत्पन्न करने वाले इन बिंदुओं को भी समझें !इस प्रशिक्षण में इन अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित सारे विषयों के बारे में पूरी सूचना दी जाती है जिससे यह अधिकारी अपने क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय में अपना पूरा योगदान दे सकें ! इस प्रशिक्षण के द्वारा यह अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में अपने अधीनस्थों के साथ मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति उत्पन्न होने वाले खतरों को पहले से ही भापकर उनका निवारण करते हैं !

ऊपर के विवरण से यह साफ हो जाता है कि आज के आधुनिक युग में युद्ध केवल सीमा पर लड़ने वाले सैनिक ही नहीं लड़ेगा बल्कि इस युद्ध में देश के हर नागरिक की भागीदारी होगी ! विशेषज्ञों के अनुसार रूसयूक्रेन युद्ध में युद्ध का सबसे बड़ा कारण आर्थिक पहलू है ! विश्व की महाशक्ति अमेरिका जिसने नाटो गठबंधन को तैयार किया है वह रूस की आर्थिक नाकाबंदी करके उसके यहां पैदा होने वाले गैस और तेल की सप्लाई विश्व में रोक सके जिसके द्वारा रूस की आर्थिक व्यवस्था को बर्बाद किया जा सके ! इस समय भारत चीन के बीच आर्थिक प्रतिस्पर्धा दिन पर दिन कड़ी होती जा रही है ! चीन भारत के उत्पादों के निर्यात पर लगाम लगाकर भारत की आर्थिक स्थिति को खराब करनाचाहता है !इसके लिए उसने पाकिस्तान की खराबआर्थिक दशा का फायदा उठाते हुए उसके साथ साझा आर्थिक गलियारा बनाने की योजना बनाई है इसमें वह पाकिस्तान में निर्मित उत्पादनओं के द्वारा भारतीय उत्पादों को कड़ी टक्कर देना चाहता है !
 
 

Shivdhan Singh

Service - Appointed as a commissioned officer in the Indian Army in 1971 and retired as a Colonel in 2008! Participated in the Sri Lankan and Kargil War. After retirement, he was appointed by Delhi High Court at the post of Special Metropolis Magistrate Class One till the age of 65 years. This post does not pay any remuneration and is considered as social service!

Independent journalism - Due to the influence of nationalist ideology from the time of college education, special attention was paid to national security! Hence after retirement, he started writing independent articles in Hindi press from 2010 in which the main focus is on national security of the country.