आजादी के 75 साल बाद भी पाकिस्तान की जनता को असली आजादी नहीं मिली है !

संयुक्त भारत के सबसे अच्छे जमीन के हिस्से को पाने के बाद भी पाकिस्तान विकास के स्थान पर दिनोंदिन पाकिस्तान ऐसे समय में अपनी नीतियों के कारण पिछड़ेपन की तरह बढ़ता गया और आज स्थिति यह आ गई है कि वहां पर आम जनता के लिए खाने पीने की दिक्कत भी हो रही है, रोजमर्रा की आवश्यक सामग्री की बहुत ज्यादा कमी है इसलिए पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्वयं नारा दिया है कि जीरो पाकिस्तान हीरो हिंदुस्तान !

NewsBharati    10-Sep-2022 11:38:58 AM   
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विश्व की महा शक्तियों के लिए भाड़े के आतंकवादी तैयार करने के कारण पाकिस्तान में 80 के दशक से ही चारों तरफ केवल आतंकवाद और उसको तैयार करने के संस्थान ही नजर आने लगे, जिनके कारण पाकिस्तान की जिस नई पीढ़ी ने पाकिस्तान का नव निर्माण करना था वह पीढ़ी आतंकवाद जैसे विनाश के मार्ग पर चलने लगी और पूरे पाकिस्तान में तनाव और अव्यवस्था नजर आने लगी ! इस सब को देखते हुए विदेशी निवेशको ने पाकिस्तान में निवेश करना बंद कर दिया ! इसके साथ साथ पाकिस्तान की सरकारों ने भी 1947 से ही स्वयं को महा शक्तियों के हाथ की कठपुतली बनाना शुरु कर दिया जिसमें शीत युद्ध के समय पाकिस्तान अमेरिका का मोहरा बन गया इसके बदले में महाशक्तियां पाकिस्तान को मदद के नाम पर थोड़ी सी भीख देती रही और पाकिस्तान इसी से स्वयं को संतुष्ट करता रह! ! जबकि 90 के दशक में पूरे विश्व में विकास की आंधी चली जिससे विश्व के गरीब और विकासशील कहे जाने वाले देश विकसित देशों की श्रेणी में आ गए ! जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है भारत !

Even after 75 years of independence, the people of Pakistan have not got real freedom

परंतु संयुक्त भारत के सबसे अच्छे जमीन के हिस्से को पाने के बाद भी पाकिस्तान विकास के स्थान पर दिनोंदिन पाकिस्तान ऐसे समय में अपनी नीतियों के कारण पिछड़ेपन की तरह बढ़ता गया और आज स्थिति यह आ गई है कि वहां पर आम जनता के लिए खाने पीने की दिक्कत भी हो रही है, रोजमर्रा की आवश्यक सामग्री की बहुत ज्यादा कमी है इसलिए पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्वयं नारा दिया है कि जीरो पाकिस्तान हीरो हिंदुस्तान ! भारत के विकास को देखते हुए अक्सर पाकिस्तान के बड़े-बड़े सम्मेलनों में भारत के समर्थन में नारे लगते हैं ! आखिर पाकिस्तान में दुश्मन कहे जाने वाले भारत के लिए ऐसे नारे क्यों तो इसका उत्तर है कि भारत में आजादी और प्रजातंत्र को सही मायनों में लागू किया गया और देश की हर सरकार ने अपने सामर्थ्य के अनुसार देश का विकास और इसे समृद्ध साली बनाने का प्रयास किया ! जिसके कारण आज देश विकसित देशों की श्रेणी में आ गया है और विश्व की एक महाशक्ति के रूप में अपना स्थान बना रहा है ! वहीं पर पाकिस्तान के शासन संत्र को वहां की सेना ने इस प्रकार अपने नियंत्रण में रखा कि केवल नाम के लिए वहां पर आजादी आई परंतु असलियत में जो काम विदेशी शासक अंग्रेज पूरे भारतवर्ष में कर रहे थे वही कुछ वहां की सेना और वहां के सामंत स्वयं के लिए पाकिस्तान में करने लगे !

न्होंने पाकिस्तान के संसाधनों को केवल स्वयं स्वार्थ लिए ही इस्तेमाल किया जिसका परिणाम है की आज पाकिस्तान में चारों तरफ गरीबी और भुखमरी फैली हुई है और पाकिस्तान दिवालियापन के कगार पर पहुंच चुका है ! आजादी का तात्पर्य है देश में जनता की सरकार की स्थापना होना जिसे प्रजातंत्र के नाम से बुलाया जाता है ! इसका मूल मंत्र होता है जनता की सरकार , जनता के द्वारा और जनता के लिए ! परंतु पाकिस्तान में जनता के द्वारा सरकार तो बनती है परंतु वह जनता के लिए नहीं होती है वह केवल वहां की सेना के लिए ही होती है ! इसके लिए सेना पाकिस्तान की जनता को भारत का डर दिखाकर उस पर राज करती है और वहां के सारे संसाधनों को स्वयं के लिए प्रयोग में लाती है ! पिछले लंबे समय से पाकिस्तान में वहां की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय है जिसके कारण मुद्रास्फीति की दर काफी ज्यादा है इस समय वहां पर वहां का बजट घाटा करीब-करीब 3500 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है इसके कारण आवश्यक वस्तुओं का भी आयात रोक दिया गया है इस कारण रोजाना प्रयोग की सामग्री की कीमत आसमान छू रही है ! सब्जियां 300 से ₹400 किलो के हिसाब से मिल रही है जिसके कारण वहां की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है|

ऐसी स्थिति में भी पाकिस्तान की सेना अपनी वायु सेना के लिए स्पेन की ब्लू एयरस्पेस कंपनी से 7 सी 130 एच हवाई जहाज खरीद रही है जिनकी कीमत 500 से 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है ! तो क्या इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्या पाकिस्तान की सरकार पाकिस्तान की जनता के लिए है ! जबकि इस समय पाकिस्तान में भयानक बाढ़ पूरे देश में आई हुई है जिसके कारण जीवन अस्त व्यस्त हो गया है ! इस बाढ़ में वहां 10 अरब डॉलर के बराबर का आधारभूत ढांचा इस बाढ़ की भेंट चढ़ चुका है पूरे पाकिस्तान में सड़क और रेल यातायात राहुल प्रभावित हो चुका है, आम लोगों के लिए पेयजल का संकट खड़ा हो गया है ! तो क्या इस स्थिति में भी पाकिस्तान की सरकार को वहां की सेना के लिए हवाई जहाज खरीदने चाहिए थे या इस धन को वहां की जनता के कल्याण के लिए खर्च नहीं करना चाहिए था ! हां यदि पाकिस्तान में प्रजातंत्र सही मायने में लागू होता तो जरूर वहां की प्रजातांत्रिक सरकार अपनी जनता के कल्याण को प्राथमिकता देती और इस धन को बाढ़ पीड़ितों पर खर्च करती परंतु ऐसा नहीं हो रहा है !

पाकिस्तान की इस दुर्दशा के पीछे वहां पर सामंत शाही का अभी तक जीवित रहना है आंकड़ों के अनुसार अभी भी पाकिस्तान की 80 फीसद खेती की भूमि केवल 246 परिवारों की संपत्ति है जिनमें भुट्टो, शरीफ और इसी प्रकार के अन्य राजनीतिक हस्तियों के पास हजारों हजारों एकड़ भूमिया हैं ! यह सामंत अक्सर अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए सेना को बढ़ावा देते हैं ! यही कुछ 1947 से पाकिस्तान में हुआ ! पाकिस्तान की सेना ने वहां की जनता पर अपना प्रभाव जमाने के लिए बंटवारे के बाद से ही यह कहना शुरू कर दिया की भारत ने बंटवारे में उनके साथ बेईमानी करके कश्मीर को भारत में मिला लिया है ! जबकि अंग्रेजों के नियम कानून के अनुसार भारत-पाकिस्तान के बीच में 544 रियासतों का इन दोनों में विलय हुआ था ! परंतु इस सब के बावजूद भी पाकिस्तानी सेना ने 28 अक्टूबर 1947 को जम्मू कश्मीर पर आक्रमण करके कश्मीर विवाद को उत्पन्न कर दिया और भारत को अपना सबसे बड़ा शत्रु दिखाकर पाकिस्तान के बजट का मुख्य भाग सेना के रखरखाव पर खर्च करना शुरू कर दिया ! जिसके कारण पाकिस्तान में देश के विकास कोई प्राथमिकता नहीं दी गई !
 
 
इस स्थिति जो धन और संसाधन लंबी गुलामी के बाद आजाद हुए देश पर खर्च होना चाहिए था वह ऐसे विषयों पर खर्च होने लगा जिसका जनता के कल्याण से कोई संबंध नहीं था ! इसके कारण जो पाकिस्तान अपने उच्च कोटि के प्राकृतिक साधनों के कारण इस क्षेत्र का सबसे धनी देश होना चाहिए था वह धीरे-धीरे गरीब होने लगा ! पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को खराब करने में विश्व की महा शक्तियों के बीच में शीत युद्ध का भी बहुत बड़ा हाथ है ! दूसरे विश्व युद्ध के फौरन बाद अमेरिका और सोवियत संघ के बीच में शीत युद्ध शुरू हो गया था और इस शीत युद्ध का प्रमुख केंद्र दक्षिण एशिया था ! क्योंकि दक्षिण एशिया में चीन और सोवियत संघ के कुछ हिस्से आते थे ! इसलिए अमेरिका ने पाकिस्तान को अपना प्रमुख केंद्र बना लिया और इसके लिए उसने पाकिस्तान की सेना को बढ़ावा देना शुरू कर दिया !
 
 
जिसके द्वारा पाकिस्तानी सेना ने भारत के विरुद्ध 1965 के युद्ध में अमेरिका के आधुनिक पैटन टैंकों का प्रयोग भारत के विरुद्ध प्रसिद्ध युद्ध असल उत्तर में किया था जिसको भारत के वीर शहीद हवलदार अब्दुल हमीद ने अपनी आरसीएल तोप से ही विफल कर दिया था ! इसके बाद अफगानिस्तान में विवाद शुरू हो गया और रूसी सेना अफगानिस्तान में आ गई ! जिस को भगाने के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान के नौजवानों को आतंकवाद के रास्ते पर चला कर उन्हें अफगानिस्तान में भेज कर रूसी सेना को परास्त करने की कोशिश की ! रूसी सेना वापस चली गई परंतु यह आतंकी पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देते रहे ! इस सब के कारण पाकिस्तान में विदेशी निवेश ना के बराबर हुआ जबकि 90 के दशक में पूरे विश्व में विकास की आंधी चली परंतु इस विकास से पाकिस्तान अछूता ही रह गया और पाकिस्तान में आर्थिक विकास ना होने के कारण उसकी आर्थिक दशा दिन पर दिन खराब होती चली गई!
आज पूरे पाकिस्तान में इतनी भयानक बाढ़ क्यों आई है ! यदि कोई अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग इस बात की जांच करें कि आखिरकार इस साल इतना भयंकर विनाश पाकिस्तान में क्यों हुआ है ! तो पाया जाएगा की बेतरतीब भूमि का प्रयोग और अव्यवस्थित तरीके से प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से वहां पर पानी की निकासी नहीं हो रही है ! जबकि देश की सरकारें समय-समय पर

स तरह के प्रावधान करती हैं जिससे बरसात का पानी कहीं पर ना रुके और देश में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न ना हो ! कुछ समय पहले भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में बहुत भयानक बाढ़ आई थी ! तब विशेषज्ञों ने पाया था की मुंबई की नगर पालिका ने वहां के पानी के निकासी के उपयुक्त इंतजाम नहीं किए थे जिनके कारण मुंबई में बाढ़ आई ! इसी प्रकार से पाकिस्तान की सरकारों ने पाकिस्तान के आधारभूत ढांचे की तरफ ध्यान ही नहीं दिया जिसके कारण वहां पर पानी की निकासी के प्रावधान पूरे देश में कहीं पर नहीं किए गए और इसका परिणाम है कि पाकिस्तान का 80% क्षेत्र आज पानी में डूबा हुआ है !जो पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा था वह अब इस बाढ़ के द्वारा किए गए विनाश की पूर्ति किस प्रकार करेगा !

पाकिस्तान की आज की आर्थिक और सामाजिक दशा को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्या पाकिस्तान में सरकार जनता के लिए है, तो इसका उत्तर होगा नहीं क्योंकि पाकिस्तान में ना तो जनता के कल्याण के लिए आर्थिक विकास हुआ है और ना ही वहां की सरकारों ने कभी देश में इस प्रकार के कार्य किए हैं जैसे कि विश्व के अन्य देशों में प्रजातांत्रिक सरकार करती हैं ! वहां की सरकारों ने अक्सर श्रीलंका की सरकार की तरह ही ऐसे कार्यों पर धन खर्च किया जिसका जनता के लिए कोई उपयोग नहीं था ! केवल पाकिस्तान पर शासन करने के लिए वहां की सेना ने भारत से दुश्मनी निभाने के लिए सेना के रखरखाव के लिए बहुत बड़ा धन खर्च किया ! इसके अलावा वहां के कुछ सामंती परिवारों ने पाकिस्तान में भूमि सुधार लागू ही नहीं होने दिए जिसके कारण वहां के किसान स्वयं को भूमि से नहीं जोड़ पाए ! इस कारण जिस पाकिस्तान के द्वारा विश्व के अन्य देशों की भूख मिटानी थी आज वही पाकिस्तान विदेशी अनाज पर जीवित है ! पाकिस्तान की सामाजिक स्थिति को तनावपूर्ण बनाने में वहां पर मुस्लिम कट्टरपंथियों का बहुत बड़ा हाथ रहा है और यह मुस्लिम कट्टरपंथी वहां की सेना के द्वारा तैयार किए गए हैं ! क्योंकि पाकिस्तान की सेना मुस्लिम कट्टरपंथ के द्वारा वहां की जनता का मुंह बंद करने की कोशिश करती है !

इस सब को देखते हुए पाकिस्तान की जनता अभी भी पाकिस्तान की उपरोक्त व्यवस्था की पराधीनता में जकड़ी हुई है ! जिसके कारण वहां पर आम जनता के लिए किसी प्रकार की भी आजादी नहीं है !वहां पर आजादी केवल सेना और कुछ परिवारों के लिए है जो वहां पर परोक्ष रूप से शासन कर रहे हैं !

इस सब को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि पाकिस्तान में मानवता के प्रति बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है और इस पर संयुक्त राष्ट्र संघ को स्वयं नोटिस लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए जिससे वहां पर सच्चे अर्थों में प्रजातंत्र की स्थापना की जा सके !




Shivdhan Singh

Service - Appointed as a commissioned officer in the Indian Army in 1971 and retired as a Colonel in 2008! Participated in the Sri Lankan and Kargil War. After retirement, he was appointed by Delhi High Court at the post of Special Metropolis Magistrate Class One till the age of 65 years. This post does not pay any remuneration and is considered as social service!

Independent journalism - Due to the influence of nationalist ideology from the time of college education, special attention was paid to national security! Hence after retirement, he started writing independent articles in Hindi press from 2010 in which the main focus is on national security of the country.