समान नागरिकता संहिता कानून की आड़ में पाकिस्तान की आईएसआई द्वारा देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की साजिश

NewsBharati    04-Jul-2023 15:28:13 PM   
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1947 में लंबी गुलामी के बाद देश आजाद हुआ और आजाद देश की आकांक्षाओं के अनुसार देश के संविधान के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई ! संविधान निर्माण के समय राष्ट्र पुनर्निर्माण के कानूनों में जो कमियां रह गई थी अब जब भी देश की सरकार इन कमियों को दूर करने की कोशिश करती है तभी देश विरोधी शक्तियों सरकार के इन प्रयासों को मुद्दा बनाकर सांप्रदायिक तनाव के रूप में देश में अशांत वातावरण बनाने कोशिश करती हैं ! जम्मू-कश्मीर में 1954 में शेख अब्दुल्ला के दबाव में पंडित नेहरू ने धारा 370 लागू की थी जिससे वहां पर देश का कानून लागू नहीं हो सके और पहले से चली आ रही सामंत शाही वैसे ही चलती रहे ! इसका फायदा उठाकर हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान ने वहां पर अपने एजेंटों द्वारा इस राज्य को हड़पने के लिए आतंकवाद चला रखा था ! इसके अतिरिक्त जम्मू कश्मीर में 370 की आड़ में सामंतशाही फल-फूल रही थी और इस राज्य का विकास ना होने की वजह से आम आदमी त्रस्त था !

Pakistan ISI Uniform Civil Code

2019 में जम्मू कश्मीरके विकास और वहां पर निवेश के लिए उपयुक्त वातावरण बनाने के लिएभारत सरकार ने इस राज्य में लागू धारा 370 को समाप्त करने के लिए कानून बना दिया जिससे वहां पर सच्चे अर्थों में जनता का राज स्थापित हो सका !इससे वहां पर फल फूल रहे सामंतों और पाकिस्तान को इससे अपनी मनमानी करने में दिक्कतें होने लगी जिसके कारण इन तत्वों ने धारा 370 हटाने का विरोध शुरू किया! पाकिस्तान ने भारत के इस आंतरिक मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर भी उठाने की कोशिश की जिसमें वह सफल नहीं हो पाया ! इसके बाद भारतीय संविधान के नागरिकता कानून की उदार शर्तों को देखते हुए भारत के पड़ोसी देशों के निवासी अपने देशों की अव्यवस्था तथा गरीब से बचने के लिए भारत में घुसपैठ करने लगे ! इनमें बांग्लादेशी रोहिंग्या तथा कश्मीर घाटी में पाकिस्तानी प्रमुख है !

इस घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार ने 2019 में ही नागरिकता संशोधन कानून लागू किया ! इसको देश विरोधी शक्तियों और खासकर पाकिस्तान की आईएसआई ने इस कानून को मुस्लिम समाज से जोड़कर इसका जबरदस्त विरोध देश में करवायाउठा और उस मौके का फायदा उठाकर आईएसआई ने अपने एजेंटों के द्वारा प्रदर्शन कराए जिनके अंतर्गत देश की राजधानी दिल्ली में शाहीन बाग में धरना दिया गया जो पूरे 6 महीने तक चला ! इन धरने प्रदर्शनों को चलाने के लिए विदेशी सूत्रों के द्वारा आईएसआई तथा खालिस्तानी समर्थकों ने धन और सोशल मीडिया के द्वारा भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब करने की कोशिश की !शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को दिहाड़ी मजदूरी पर धरना स्थल पर लाया जाता था तथा उनकी पूरे दिन की खाने पीने की अच्छी व्यवस्था धरना स्थल पर ही की जाती थी ! आखिर में इस धरने प्रदर्शन की परिणति दिल्ली के दंगों के रूप में हुई और यह भी उस समय जब अमेरिका के राष्ट्रपति दिल्ली दौरे पर थे ! इसके कारण पूरे विश्व का मीडिया दिल्ली में एकत्रित था इसलिए मीडिया ने पूरे विश्व में दिल्ली दंगों कोदेशों को बड़ा कर दिखाया जिससे देश की छवि को धूमिल की जा सके परंतु इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली !

स्वतंत्रता प्राप्ति के फौरन बाद जब समान नागरिक संहिता को लेकर चर्चा हुई तब उस समय उस पर सहमति नहीं बन पाई लेकिन भारत के समाज में एकता शांति के लिए इसकी आवश्यकता लगातार महसूस की जा रही थी ! इसको देखते हुए बहुसंख्यक हिंदू समाज के लिए संविधान लागू होने के कुछ समय बाद ही हिंदू कोड बिल लाया गया और इसे देश की पार्लियामेंट में पारित करके कानून का रूप दिया गया ! इसके द्वारा हिंदुओं में बहु विवाह सती प्रथा जैसी प्रथाओं को निषेध किया गया और हिंदू महिलाओं को तलाक देने के साथ उन्हें संपत्ति में हक दिया गया ! हिंदू समाज मैं हिंदू कोड बिल के द्वारा सकारात्मक सुधार के बाद समाज के सभी वर्गों के लिए समान नागरिक संहिता बनाने की मांग भी उठने लगी जिससे देश में मुस्लिम, ईसाई और पारसी समाज में ऐसे सुधार करके पूरे भारतीय समाज को एकता के सूत्र \ मैं पिरोया जा सके !

परंतु देश की इस भावना को दरकिनार करते हुए तथा महिलाओं के हितों की अनदेखी करते हुए अनेक मुस्लिम संगठन और विशेष रूप से मुस्लिम लॉ बोर्ड समान नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं ! यहां पर एक अच्छी बात है कि कुछ मुस्लिम संगठन समान नागरिक संहिता पर सकारात्मक दिखा रहे हैं !देश में वोट बैंक की राजनीति के कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुस्लिम वोटों के कारण अनेक विपक्षी दल समान नागरिक संहिता कानून का विरोध कर रहे हैं ! विरोध करने वाले इस से अपरिचित नहीं है कि कई वर्गों और विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है ! लेकिन यह विरोधी दल वोट बैंक के लालच में समाज के लिए जरूरी सुधारों से भी मुंह मोड़ रहे हैं ! 2014 में सत्ता में आने के लिए बीजेपी ने राम मंदिर निर्माण, धारा 370 का खात्मा तथा समान नागरिक संहिता लागू करने के वादे किए थे ! जिनमें उसने राम मंदिर निर्माण और धारा 370 के हटाने के वादे को तो पूरा कर दिया और अब बीजेपी सरकार 2024 के चुनावों से पहले समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए वचनबद्ध है ! इसलिए आने वाले लोकसभा सत्र में इस कानून के पारित होने की पूरी पूरी संभावना है !

पाकिस्तान की आईएसआई ने 1971 युद्ध में पाकिस्तान की शर्मनाक हार और बांग्लादेश के निर्माण के बाद से प्रण किया है कि वह भारत से इस हार का बदला लेगी और इस बदले को वह परोक्ष युद्ध के द्वारा लेना चाहती है ! युद्ध की इस प्रणाली में सीमाओं के स्थान पर दुश्मन देश के अंदर सामाजिक अशांति और अव्यवस्था फैलाई जाती है जिसके द्वारा दुश्मन देश बर्बाद हो सके ! इसी के अंतर्गत अक्सर आई एस आई हमारे देश में अपने एजेंटों के माध्यम से सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनाती रहती है ! इसकी शुरुआत उसने पहले उसने पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद और उसके साथ-साथ जम्मू कश्मीर में कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए कोशिश के रूप में की जिसमें वह पूरी तरह नाकाम रही !

इसके बाद अब भारत सरकार देश की व्यवस्था को सुधारने के लिए जब भी कोई भी ऐसा कदम उठाती है जिसमें मुस्लिम समाज पर कोई प्रभाव होता है, तो बस इस मुद्दे को नकारात्मक रूप में अपने प्रचार माध्यमों और मीडिया द्वारा उछाल कर मुस्लिम समाज में विरोध की भावना पैदा करने की कोशिश की जाती है ! इस समय जब लंबे समय से विचाराधीन समान नागरिक संहिता कानून पर सरकार सक्रिय हो रही है तो इसके विरुद्ध उसने माहौल बनाने की तैयारियां शुरू कर दी है !आई एस आई की पूरी कार्यप्रणाली को भारत में नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद की घटनाओं से देखा जा सकता है ! हमारे देश में लंबे समय से बांग्लादेश और पड़ोसी देशों से घुसपैठ चल रही थी और यह घुसपैठिए भ्रष्टाचार के द्वारा भारत की नागरिकता लेकर देश की आबादी को बढ़ा रहे थे ! इन पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून देश में लागू किया !

इस कानून के विरोध में देश में सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से ऐसी खबरें चलाई गई की इस कानून से हर मुसलमान की नागरिकता खतरे में पड़ जाएगी !इसको देखते हुए मुस्लिम समाज में अशांति पैदा करने की कोशिश की गई जिसके द्वारा पूरे देश में इस कानून के विरुद्ध प्रदर्शन शुरू हो गए !इन प्रदर्शनों का मुख्य केंद्र दिल्ली के साइन बाग को बनाया गया जहां पर यह धरना प्रदर्शन पूरे 6 महीने तक चले ! इन प्रदर्शनों की सबसे दुखद बात यह थी कि इनकी समाप्ति दिल्ली दंगों के रूप में उस समय हुई जब अमेरिका के राष्ट्रपति भारत के दौरे पर थे ! इस कारण पूरे विश्व के मीडिया का ध्यान भारत की राजधानी दिल्ली पर था ! इसलिए उस समय दिल्ली की खबरें पूरे विश्व में आग की तरह फैल रही थी !

साइन बाग धरने में आईएसआई और खालिस्तानी तत्वों की भागीदारी सामने आ जाने के बाद अब यह निश्चय पूर्वक कहा जा सकता है कि आईएसआई समान नागरिक संहिता कानून के पारित होने के बाद देश में सांप्रदायिक तनाव की पूरी पूरी कोशिश करेगी ! प्रधानमंत्री मोदी के सफल अमेरिकी दौरे के बाद से चीन और भारत के रिश्ते और भी तनावपूर्ण हो गए हैं इसलिए चीन भारत में सामाजिक समरसता को बर्बाद करके राजनीतिक अस्थिरता फैलाने की कोशिशों में आईएसआई की पूरी मदद करेगा !आईएसआई इसके लिए मुस्लिम कट्टरपंथी तथा अतिवादी संगठनों की मदद लेगा और इसकी शुरुआत उसने कर भी दी है !

जिसको देखते हुए भारत की एनआईए तथा अन्य इंटेलिजेंस एजेंसियों ने छानबीन शुरू कर दी है !इसी के अंतर्गत बिहार तथा उत्तर प्रदेश में पीएफआई तथा अन्य संगठनों पर छापेमारी की जा रही है ! कर्नाटक के शिमोगा में अत्याधुनिक रोबोटिक तकनीक के जरिए भारत को दहलाने की इस्लामिक स्टेट की साजिश का खुलासा किया एनआईए ने किया है ! पाकिस्तान से चलाए जा रहे हैं गजवा ए हिंद नाम का एक आतंकी संगठन भारत में मुस्लिम कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए तैयारी करा है ! इसको देखते हुए एनआईए ने उत्तर प्रदेश, गुजरात और बिहार मेंजगह - जगह छापेमारी की है ! यह आतंकी संगठन देश के सोशल मीडिया के द्वारा मुस्लिम समाज को बरगलाने की कोशिश कर रहा था ! इस सबसे यह साफ हो जाता है कि पाकिस्तान की आईएसआई समान नागरिकता संहिता कानून के लागू होने से पहले ही सक्रिय हो गई है और वह देश में सांप्रदायिक तनाव बनाने की पूरी कोशिश करेगी !

भारत में समान नागरिकता संहिता कानून का विरोध करने वाले मुस्लिम संगठन को यह विचार करना चाहिए कि पाकिस्तान,,, बांग्लादेश मलेशिया टर्की, इंडोनेशिया,मिस्र और आयरलैंड के मुसलमानों ने जब भारत के कानून की तरह के कानून को पहले से ही स्वीकार किया हुआ है तब इस कानून का विरोध भारत में क्यों ! जब हमारा देश विश्व की एक आर्थिक और सैनिक महाशक्ति बनने के सपने देख रहा है तब उसको एक सशक्त और मजबूत समाज की भी आवश्यकता होगी जो हर स्थिति में अपने भेदभाव को मिटा कर देश के विकास के लिए एक शांतिपूर्ण माहौल तैयार करें ! तो उसके लिए जरूरी है की समाज को नियंत्रित करने के लिए शादी, उत्तराधिकार इत्यादि के कानून सबके लिए एक जैसे हो ! इसको देखते हुए मुस्लिम समाज के संगठनों को अपने विरोध पूर्ण रवैया को छोड़कर इस नए कानून का स्वागत करना चाहिए ! जिससे इस समाज की स्त्रियां अपने आप को सुरक्षित महसूस करके आत्मविश्वास और स्वाभिमान से परिपूर्ण संतानों को जन्म दे सके !

Shivdhan Singh

Service - Appointed as a commissioned officer in the Indian Army in 1971 and retired as a Colonel in 2008! Participated in the Sri Lankan and Kargil War. After retirement, he was appointed by Delhi High Court at the post of Special Metropolis Magistrate Class One till the age of 65 years. This post does not pay any remuneration and is considered as social service!

Independent journalism - Due to the influence of nationalist ideology from the time of college education, special attention was paid to national security! Hence after retirement, he started writing independent articles in Hindi press from 2010 in which the main focus is on national security of the country.