भारत आतंकवाद में पाकिस्तान की संलिप्तता और उसकी मिली भगत को उजागर करने वाले नवीनतम साक्षओ के साथ जल्दी ही एक टीम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भेजेगा ! संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1999 में यूएनएससी के तहत स्थापित की गई 1267 प्रबंध समिति कीअगले सप्ताह होने वाली बैठक की संभावना है ! इस समिति को इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लवेंट और अलकायदा प्र्तीबंद समिति के रूप में भी जाना जाता है ! पाकिस्तान की आतंकवाद में लिप्तता के लिए भारत को इस समिति के सामने यह भी सिद्ध करना चाहिए कि पाकिस्तान भारत पर1947,1965 तथा 1999 के हमलो को भी शुरू में यही दिखाने की कोशिश करता रहा कि यह हमले भारत के ही आतंकियो ने हीं किए हैं ! जैसे की 1947 के हमले को उसने अफगानिस्तानऔर पाकिस्तान की सीमा पर बसे काबलियों द्वारा तथा 1965 को स्थानीय कश्मीरीयो तथा 1999 के करगिल हमले को भी स्थानीय कश्मीरी आतंकवादियों का ही हमला बताने की कोशिश की !

अभी पहलगांव में भारत के27 सैलानियों की हत्या पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्करे तौयबा द्वाराकिए जाने के बाद भारत ने पहली बार एसका जवाब पाकिस्तान में स्थित12 आतंकी ठिकानों को नष्ट करके दिया है !इसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत पर ड्रोने और मिसाइलो के द्वारा हमला करके जवाब देने का प्रयास किया जिसको भारत के सशक्त एयरडिफेंस सिस्टम एस 400 ने नाकाम कर दिया ! इसके उत्तर में भी भारत ने उसके 4 हवाई ठिकानों को बर्बाद कर दिया !भारत की शक्ति का अंदाजा लगाते हुए इसके बाद पाकिस्तान ने स्वयं युद्ध विराम के लिए भारत के डी जी एमओ को पेशकश की परंतु इसके 3 घंटे बाद ही पाकिस्तान की सेना ने मिसाइल और ड्रॉनों से भारत पर हमले शुरू कर दिए ! इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां की सेना और सरकार में समन्वय नहीं है ! इसको देखते हुए भारत सरकार ने शांति समझौते के संदर्भ में शर्त रखी है कि भविष्य में भारत में आतंकी हमले युद्ध ही माने जाएंगे !
परंतु पाकिस्तान हमेशा से ही भारत पर आतंकी हमले एक युद्ध समझ कर ही करता आया है जैसा कि उसने ऊपर तीनों युद्ध में किया है ! 1947 से लेकर आज तक पाकिस्तानको भारत से चार युद्धओ में हार के बाद उसे विश्वास हो गया कि वह आमने-सामने के युद्ध में भारत जैसी महा शक्ति से जीत नहीं सकता इसलिए उसने आतंकी हमले के रूप में भारत के साथ परोक्ष रूप से युद्ध ही छेड़ रखा है जिसे आमतौर पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के हमले के रूप में समझकर अनदेखा कर दिया जाता था जैसे की 2002 में देश में प्रजातंत्र के मंदिर लोकसभा पर आतंकी हमला और 2008 में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर आतंकी हमला जिसमें देश के 166 लोग मारे गए !
क्या यह देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर युद्ध की तरह ही हमला नहीं था ! इसी क्रम में 2019 में जब देश में नागरिकता संशोधन कानून पारित हुआ उस समय पाकिस्तान की आईअसआई ने देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए इसे मुस्लिम विरोधी बताकर जगह-जगह धरने प्रदर्शन कराए तथा दिल्ली के साइन बाग में लंबे समय तक चलने वाला धरना कराया ! जिसमें भाड़े पर धरना करने के लिए रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को धरने पर बिठाया तथा इस धरने की समाप्ति दिल्ली दंगे के रूप में उस समय हुई जब विश्व की महाशक्ति अमेरिका के राष्ट्रपति दिल्ली दौरे पर थे !इसके कारण पूरे विश्व की प्रेस इसको कबर करने के लिए दिल्ली में मौजूद थी ! इसके द्वारा पाकिस्तान विश्व पटल पर भारत की छवि खराब करना चाहता था ! इस प्रकार की बहुत सी हरकतें पिछले लंबे समय से पाकिस्तान की आईअसआई हमारे देश में करती आई है ! जिस प्रकार पहले सीमाओं पर लड़े जाने वाले युद्ध दुश्मन देश का को हराकर उस पर कब्जा करने के लिए लड़ा जाता था उसी प्रकार से पाकिस्तान हमेशा से भारत की शक्ति को पहचान कर उसके साथ आमने-सामने के स्थान पर परोक्ष युद्ध आतंकी हमलो और देश में सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ कर करने की कोशिश कर रहा है !
अक्सर पाकिस्तान की सेना अपनी छवि को बचाने के लिए युद्ध में धोखेबाजी और अपनी भाग्यादारी को छुपाने का प्रयास करती आई है ! 1947 में भारत-पाकिस्तान के विभाजन के फौरन बाद पाकिस्तानी सेना ने वहां पर प्रभाव तथा नियंत्रण स्थापित करने के लिए कश्मीर पर हमला कर दिया और इस हमले अपनी संलिप्तता छुपाने के लिए घोषणा की पाकिस्तान- अफगानिस्तान की सीमा पर बसे पठान कव्वालियों ने यह हमला किया है ! उस समय तक जम्मूकश्मीर का भारत में विलय नहीं हुआ था इसलिए वहां की छोटी से सेना उसके इस हमले का मुकाबला नहीं कर सकी जिस कारण पाकिस्तानी सेना कब्जा करते हुए बारामुला तक पहुंच गई जो श्रीनगर से केवल 60 किलोमीटर है !
इस समय जम्मू कश्मीर के शासक ने भारत में विलय का निर्णय लिया ले लिया जिसके बाद भारतीय सेना ने फौरन श्रीनगर पहुंचकरहमलावरो का मुकाबला किया तथा कव्वालियों के रूप में घुसी पाकिस्तान सेना को पीछे भगाना शुरू कर दिया ! परंतु इसी समय भारत सरकार यूएनओ में चली गई और यूएनओ ने युद्ध विराम की घोषणा कर दी ! जिस कारण कश्मीर के कुछ हिस्सों पर अभी तक पाकिस्तान का कब्जा है जिसे पाकअधिकृतकश्मीर बोला जाता है ! इसके बाद 1962 में चीन ने भारत पर हमला किया जिसमें गोला बारूद और हथियारों की कमी कारण भारत को हार का सामना करना पड़ा ! इसको देखते हुए पाकिस्तान की सेना ने फिर 1965 में कश्मीर और कब्जा करने के लिए हमला कर दिया जिसको उसने ऑपरेशन जिब्राल्टर का नाम दिया ! इस हमले को भी पाकिस्तान की सेना यह दिखाने की कोशिश कर रही थी कि कश्मीर के स्थानीय नागरिक भारत में विलय नहीं चाहते इसलिए यह हमला कश्मीर के निवासियों नेने स्वयं भारतीय सेना के विरुद्ध किया है !
परंतु भारतीय सेना ने फिर पाकिस्तान की सेना को करारी हार देते हुए दुनिया के सामने उसकी सच्चाई उजागर कर दी ! इसके बाद 1971 में पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह जनरल याहयाखान ने 1970 के चुनाव में विजय प्राप्त किए हुए शेख मुजीबुर रहमान को केवल इसलिए प्रधानमंत्री स्वीकार करने से से इनकार कर दिया क्योंकि वह एक बंगाली थेऔर वहां की सरकार एक पंजाबी को प्रधानमंत्री बनना चाहती थी ! इसको देखते हुए पूरे पूरे पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तान सरकार के विरुद्ध विद्रोह शुरू हो गया जिसको दबाने के लिए पाकिस्तानी सेना नेवहां पर तरह-तरह के अत्याचार शुरू कर दिएऔर पूर्वी पाकिस्तान की 3 लाख महिलाओं के साथ में बलात्कार किया ! इस सब के कारण वहां पर मुक्तिवाहनि नाम का एकसंगठन गठित हुआ ! जिसने पाकिस्तानी सेना पर हमले शुरू कर दिए !अपनी आदत के अनुसार पाकिस्तान की सेना ने इसके लिए भी भारत को ही जिम्मेदा ठहराते हुएउस पर 3 दिसंबर 1971 को हमला कर दिया ! इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना को हार देते हुए 16 दिसंबर को स्वतंत्र बांग्लादेश की घोषणा कर दी ! इस युद्ध में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकभारतीय सेना ने बंदी बना लिए थे !
इस हार के बाद पाकिस्तानी सेना को पूरा विश्वास हो गया कि वह भारत को नहीं हरा सकती है इसलिए उसने पूरी तरह से आतंकवाद के रूप में भारत के विरुद्ध परोक्ष युद्ध शुरू कर दिया ! इस परोक्ष युद्ध के लिए उसने अपने यहां पर मदरसों कोआतंकवाद की फैक्ट्री में बदल दिया ! जिसके बाद उसने अमेरिका से मिलने वाले धन के लिए इन मदरसों में पढ़ने वाले नौजवानों को तालिबान के रूप में अफगानिस्तान में रूसी सेना से लड़ने के लिए भेजा और साथ में भारत से अपनी दुश्मनी के कारण भारत के पंजाब और जम्मू कश्मीर राज्यों में भी इनकोअलग-अलग आतंकी संगठनों केनियंत्रण में भेजना शुरू कर दिया ! इसके साथ साथ मीडिया के द्वारा दुष्प्रचार करके पंजाब में अलग खालिस्तान की मांग के नाम से अशांति फैलाने की कोशिश की जिसमें इसके आतंकी पंजाब में जगह-जगह हमले करके विश्व को यह दिखाने काप्रयास कर रहे थे कि पंजाब की जनता भारत से अलग होकर अलग खालिस्तान बनाना चाहती है ! पाकिस्तान की इस चाल को भारतीय सेना ने पूरी तरह नाकाम कर दिया तथा ऑपरेशन ब्लू स्टार के द्वारा पूरे आतंकी गुटों का पंजाब से सफाया कर दिया ! इसी प्रकार के नाकाम प्रयास पाकिस्तान की सेना और उसकी आईअसआइ 1947 से ही जम्मू कश्मीर में करने का प्रयास कर रही है ! जिसकोभारतीय सेना और वहां की देशप्रेमी जनता ने नाकाम करते हुए वहां पर सच्ची लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित कर दी है !
पाकिस्तान सेना की धोखेबाजी का सबसे बड़ा उदाहरण है1999 में लड़ा जाने वाला कारगिल युद्ध ! इस युद्ध को भी पाकिस्तान सेना ने1965 की तरह दिखने की कोशिश की तथा प्रचार किया कि कश्मीर के स्थानीय निवासियों ने ही कारगिल की पहाड़ियों पर कब्जा किया है और वह पूरे कश्मीर को भारत से अलग करके पाकिस्तान में मिलना चाहते हैं ! भारतीय सेना ने इस हमले का मुकाबला करते हुए पाया कि यह हमला पूरी तरह से पाकिस्तानी सेना ने ही किया है ! इस हमले में भी पाकिस्तान को हार मिली और हद तो तब हो गई जब पाकिस्तानी सेना ने अपने मारे गए सैनिकों के शबो को भी लेने से इनकार कर दिया था ! इस प्रकार पाक सेना ने चार युद्धओ में भारतीय सेना के हाथों बुरी हार पाई और उसके बाद उसको विश्वासहो गया कि वह भारतीय सेना के साथआमने-सामने के युद्ध में नहीं जीत सकती !
इसको देखते हैं उसने इसके बाद पूरी तरह से आतंकी हमलो द्वारा परोक्ष युद्ध के द्वारा भारत पर विजय के प्रयास शुरू कर दिये जिसमें 2002 में भारत के लोकसभा तथा 2008 में भारत की आर्थिक राजधानीमुंबई पर आतंकी हमले करके किया ! हालांकि इन दोनों हमलो को भारत ने नाकाम कर दिया परंतु उस समय भारत सरकार ने कोई ऐसे कदम नहीं उठाये जिसे पाकिस्तान में पलने वाले आतंकी संगठनों कोसमाप्त किया जा सके ! परंतु पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सोच समझ कर पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों का ठिकाना पता करके इन ठिकानों को मिसाइल द्वारा नष्ट करते हुए वहां पर आतंकियों को भी मार गिराया है जिम इन आतंकी संगठनों के कुछ सरगना भी शामिल थे ! इस कार्रवाई से भारत ने पाकिस्तान को यह बता दिया है कि वह पाकिस्तान में घुसकर इन आतंकी कैंपों को समाप्त करने में सक्षम है ! इसके उत्तर में पाकिस्तानी सेना ने ड्रोनो और मिसाइलो से भारत पर हमले करने की नाकाम कोशिशकी परंतु भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने उसके इन इरादों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया !
अब पहली बार पाकिस्तान युद्ध विराम की मांग कर रहा है परंतु यहां पर यह विचारणीय है कि वहां की कें सरकार और सेना काआपस में एक मत नहीं है ! जिसके कारण चीज फायर की घोषणा के बादकेवल 3 घंटे बाद ही पाकिस्तानी सेना ने भारत पर ड्रोनो और मिसाइलो से हमला करके सिद्ध कर दिया कि वह विश्वास करने के योग्य नहीं है ! इसलिएअब भारत को विश्व के पटल पर पाकिस्तान की 1947 से लेकर अब तक की हरकतों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करना चाहिएऔर संयुक्त राष्ट्र संघ में मजबूती से यह बताना चाहिएकी किस प्रकार पाकिस्तान पूरे विश्व मेंआतंकवादियो का निर्यात कर रहा है ! अमेरिकाके के विश्व व्यापार केंद्रऔरविश्व के हर आतंकी हमले मेंपाकिस्तान का हाथ जरूर होता है ! इस लिए पूरे विश्व के कल्याण के लिए भारत कोसंयुक्त राष्ट्र संघ में इस मुद्दे को पूरे सबूतो के साथ प्रस्तुत करना चाहिए !औरइसके साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र संघ की फाइनेंशियल एक्शन टीम के सामने भी पाकिस्तान की असलियत रखी जानी चाहिए जिससेउस परआतंकवाद रोकने के लिएआर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सके !