राष्ट्रीय सुरक्षा की मजबूती के लिए--- सीमा सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र में विस्तार

11 अक्टूबर 2021 को देश के गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें सीमा सुरक्षा बल को आसाम पंजाब और पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा से राज्य के 50 किलोमीटर तक राष्ट्रीय पासपोर्ट नियम का उल्लंघन करने वाले संदिग्धों के तलाश में छापामारी तलाशी और संदिग्धों को गिरफ्तार करने के अधिकार दिए गए हैं !

NewsBharati    15-Nov-2021   
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राष्ट्रीय सुरक्षा की मजबूती के लिए सीमा सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र 3 सीमावर्ती राज्यों में 50 किलोमीटर तक बढ़ाया गया है | 11 अक्टूबर 2021 को देश के गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें सीमा सुरक्षा बल को आसाम पंजाब और पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा से राज्य के 50 किलोमीटर तक राष्ट्रीय पासपोर्ट नियम का उल्लंघन करने वाले संदिग्धों के तलाश में छापामारी तलाशी और संदिग्धों को गिरफ्तार करने के अधिकार दिए गए हैं ! उत्तर पूर्व के मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, नागालैंड और मेघालय में सीमा सुरक्षा बल के पास पूरे राज्य मैं और राजस्थान में 50 किलोमीटर और गुजरात में 80 किलोमीटर तक यह अधिकार पहले से ही है ! इन तीनों राज्यों में पहले सीमा सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र केवल 15 किलोमीटर तक ही था परंतु पिछले लंबे समय से सीमा सुरक्षा बल को इस बात के लिए दोषी ठहराया जा रहा था कि इन राज्यों में पड़ोसी देशों से बड़े पैमाने पर भारत में घुसपैठ हो रही है और सीमा सुरक्षा बल जो सीमाओं के जिम्मेवार है वह कुछ नहीं कर पा रहा है !, देश में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी, रोंगिया और अन्य घुसपैठियों के कारण देश में तरह तरह की अव्यवस्था फैल रही है इस स्थिति को विपक्षी दलों द्वारा अपने अपने राजनीतिक हितों के इस्तेमाल के कारण वह इसकी अनदेखी कर रहे हैं ! इसको देखते हुए देश की सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह कदम उठाना पड़ा ! परंतु राजनीतिक हितों के लिए विपक्षी दल केंद्र सरकार की हर नीति की आलोचना करते हैं औरइस कारण वह इस नोटिफिकेशन का भी विरोध कर रहे हैं ! अभी कुछ दिन पहले पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के इस कदम की भरपूर आलोचना के साथ-साथ वहां की विधानसभा में इसके विरोध में एक प्रस्ताव भी पारित करवा लिया है ! इस कदम के आलोचकों का कहना है कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्रों में दखल दे रही है उनके अनुसार उपरोक्त कानूनी अधिकार संविधान के अनुसार केवल राज्य सरकार के अधीन राज्य की पुलिस को ही है ! परंतु यहां पर वह यह भूल रहे हैं कि अभी भी सीआरपीसी के अनुसार सीमा सुरक्षा बल संबंधित राज्यों में किसी संदिग्ध की तलाशी और उसको गिरफ्तार करके उचित कानूनी प्रक्रिया के लिए संदिग्ध को राज्य पुलिस को ही सौंप देगा ! जिसे राज्य की कानून व्यवस्था के अनुसार उसके साथ आगे की कार्रवाई की जाएगी अभी तक यही सब कुछ अन्य राज्यों में भी हो रहा है ! जहां पर सीमा सुरक्षा बल को यह अधिकार पहले से ही है ! सेना विशेष शक्ति कानून ( एस्पा) के अनुसार भी इस प्रकारके अधिकार सेना को जम्मू कश्मीर और उत्तर-पूर्व के राज्यों में प्राप्त है परंतु यहां पर भी सीमा सुरक्षा बल के कानून की तरह ही सेना संदिग्धों के ठिकानों पर छापामारी और तलाशी करती है और संदिग्धों को राज्य पुलिस को आगे की कार्रवाई के लिए सौंप देती है ! इस प्रकार देखा जा सकता है कि इस विशेष अधिकार से सीमा सुरक्षा बल राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं दे रहा हैबल्कि एक प्रकार सेराज्य में घुसपैठियों को और राष्ट्र विरोधी तत्वों को पकड़वाने में राज्य पुलिस की मदद कर रही है |
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यह सर्व विदित है की लंबे समय से पाकिस्तान की कुख्यात आई एस आई हर स्थिति में भारत के टुकड़े टुकड़े और इस को बर्बाद करने की नाकाम कोशिश कर रही है ! इसके प्रयास में वह अपने एजेंटों के पास तरह तरह के हथियार विस्फोटक और नशीली दवाइयां ( ड्रग्स) अपने स्लीपिंग एजेंटों के पास भेज रही है ! जिनके द्वारा इनके स्लीपिंग एजेंट देश में मौका मिलते ही तरह-तरह के उपद्रव कराते रहते हैं जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है प्रतीत हो की भारत एक अशांत देश है इसके अलावा वह ड्रग्स के द्वारा देश के युवाओं को गलत रास्तों पर डालना चाह रही है जिससे देश की आने वाली पीढ़ी देश के विकास में अपना सहयोग ना दे पाए ! अभी पिछले कुछ समय से मुंबई में आर्यन खाने वाले केस में पाकिस्तान में बैठे हुए ड्रग्स माफिया की भूमिका सामने आ रही है यह सब कुछ सीमावर्ती राज्यों की सीमाओं के द्वारा आई एस आई हमारे देश में घुसपैठियों और ड्रोन इत्यादि के द्वारा भेज रही है ! ऐसी स्थिति में सीमाओं की रक्षा करने वाली सीमा सुरक्षा बल की जिम्मेवारी बढ़ जाती है कि वह इन हरकतों पर कारगर तरीके से रोक लगाएं ! यह घुसपैठिए रात के अंधेरे में इन सुरक्षाबलों को चकमा देकर अंदर घुस जाते हैं और शीघ्र ही इन सीमावर्ती राज्यों के अंदर अपने ठिकानों पर पहुंचकर छुप जाते हैं ! ऐसी स्थिति में यदि सीमा सुरक्षा बल को 50 किलोमीटर तक का अधिकार दिया गया है तो यह सीमा सुरक्षा बल को इतनी शक्ति प्रदान करेगा जिससे इन ड्रग्स और हथियारों को लाने वाले अपराधियों को पकड़ा जा सके ! इसके अतिरिक्त देश में नागरिकता संशोधन कानून की आवश्यकता केवल इसलिए पड़ी की पड़ोसी देशों से बड़ी मात्रा में आबादी हमारे देश में आराम से प्रवेश कर रही थी और प्रवेश करने के बाद नागरिकता ले रही थी ! जबकि राज्य पुलिस राजनीतिक कारणों सेयह सब चुपचाप देख रही थी ! ऐसी स्थिति में यदि सीमा सुरक्षा बल इस राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कार्रवाई करके संदिग्धों को राज्य पुलिस को ही दे रहा है तो इसमें राज्यों के अधिकारों का किस प्रकार हनन हो रहा है !
 
पूरे विश्व में यह धारणा बनी हुई है कि भारतवर्ष एक ऐसा देश है जिसमें आसानी से घुसपैठ और यहां की नागरिकता हासिल की जा सकती है ! यह धारणा सही भी प्रतीत होती है जब देखने में आता है कि बहुत से विदेशी घुसपैठियों ने देश के आबादी के अनुपात में इतना परिवर्तन कर दिया है जिससे कुछ राज्यों में सत्ता परिवर्तन में भी उनकी भूमिका देखी जा सकती है ! इस प्रकार से इन घुसपैठियों की मदद से हमारे देश में धीरे धीरे विदेशी ताकतें अपना स्थान बना लेंगी जैसा कि कुछ समय पहले दिल्ली के शाहीन बाग धरना प्रदर्शन में देखा गया ! इन धरना प्रदर्शनों को विदेशी ताकतों का पूर्ण सहयोग प्राप्त था और इस धरना प्रदर्शन की परिणिति दिल्ली दंगों में हुई जिसमें हजारों करोड़ों की संपत्ति नष्ट हुई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की आंतरिक सुरक्षा की खराब छवि विश्व के मीडिया ने दिखाई !
 
अभी कुछ समय पहले चीन ने नए सीमा कानून की घोषणा की है जिसको वह जनवरी 2022 से लागू कर देगा ! इसके अनुसार चीन ने भी अपने सुरक्षा बलों को घुसपैठियों के विरुद्ध हथियार इस्तेमाल करने की पूरी पूरी छूट दी है ! इसके अतिरिक्त चीन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में 600 मॉडल गांव बरसाने की योजना बनाई है इनमें चीनी सेना से सेवानिवृत्त सैनिकों और कम्युनिस्ट पार्टी के कैडरों को यहां पर बसाया जाएगा ! इन इन नए गांव को चीन अपनी सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करेगा ! जिसमें इन गांव के निवासी इन क्षेत्रों में होने वाली घुसपैठ की खबर और अन्य असामाजिक गतिविधियों की सूचना सरकार को शीघ्र अति शीघ्र प्रदान करते रहेंगे ! इसी प्रकार विश्व के अन्य शक्तिशाली देश भी केंद्रीय कानूनों के द्वारा अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करते हैं ! उनके इन प्रयासों में देशवासी पूर्ण सहयोग करते हैं ! आज तक किसी भी देश में राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने वाले कानूनों के विरुद्ध हमारे देश जैसा विरोध देखने में नहीं आया है !
 
3 महीने पहले ही अगस्त महीने में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद पूरे दक्षिण एशिया में उथल पुथल का माहौल बना हुआ है और यह कल्पना की जा रही है कि आतंकवाद और भी उग्र रूप में पूरे दक्षिण एशिया में बढ़ेगा ! ऐसे माहौल में यह और भी जरूरी हो जाता है की हमारे देश में जिसमें एक तरफ पाकिस्तान और दूसरी तरफ चीन जैसे दुश्मन हैं उनसे अपने आप को बचाने के लिए इस प्रकार के कानून बनाए जाने चाहिए ! जिससे विदेशी घुसपैठिए हमारे देश में प्रवेश न कर सके ! इस स्थिति को देखते हुए सारे राजनीतिक दलों को एकजुट होकर देश की राष्ट्रीय सुरक्षा में सहयोग करना चाहिए जिससे हमारे पड़ोसी दुश्मन देश अपने प्रयासों में सफल ना हो पाए !